मुख्य राजनीतिक विकास: NDA के उम्मीदवार की उपराष्ट्रपति चुनाव में जीत
9 सितंबर 2025 को, महाराष्ट्र के राज्यपाल चंद्रपुरम पौन्नुसामी (सी.पी.) राधाकृष्णन को भारत का 15वां उपराष्ट्रपति चुना गया। उन्होंने विपक्ष के संयुक्त उम्मीदवार, पूर्व सुप्रीम कोर्ट न्यायाधीश बी. सुदर्शन रेड्डी को 152 वोटों के अंतर से पराजित किया।
चुनाव परिणाम और मतों का विवरण
सी.पी. राधाकृष्णन (NDA): 452 वोट
बी. सुदर्शन रेड्डी (विपक्ष INDIA ब्लॉक): 300 वोट
अमान्य वोट: 15
कुल वैध वोट: 752
मतदान प्रतिशत: 98.2% (767 में से 781 मतदाताओं ने मतदान किया)
NDA की ओर से अपेक्षित ताकत से अधिक वोट प्राप्त हुए, जिससे विपक्ष के कुछ सांसदों द्वारा क्रॉस-वोटिंग के संकेत मिले। भाजपा नेताओं का दावा है कि कम से कम 15 विपक्षी सांसदों ने NDA को वोट दिया।
सी.पी. राधाकृष्णन का परिचय
जन्म: 4 मई 1957, तिरुप्पुर, तमिलनाडु
शिक्षा: बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन में स्नातक, V.O. चिदंबरम कॉलेज, तूतुकुडी
राजनीतिक सफर: आरएसएस और जनसंघ से शुरू, दो बार कोयंबटूर से लोकसभा सांसद चुने गए
राज्यपाल पद: झारखंड, तेलंगाना, पुडुचेरी और महाराष्ट्र के राज्यपाल रह चुके हैं
पेशा: कृषक और उद्योगपति, ईमानदारी और दूरदर्शिता के लिए जाने जाते हैं
उपराष्ट्रपति चुनाव क्यों हुआ?
यह चुनाव तब हुआ जब पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने स्वास्थ्य कारणों से 21 जुलाई 2025 को बीच में इस्तीफा दे दिया था।
उनका इस्तीफा संसद के मानसून सत्र के पहले दिन आया, जिससे राजनीतिक हलकों में चर्चाएँ बनीं।
चुनाव प्रक्रिया और संवैधानिक प्रावधान
चुनावी मण्डल: लोकसभा और राज्यसभा के कुल 781 सांसद (7 सीटें रिक्त)
मतदान प्रणाली: शेयर किए गए वोट के आधार पर प्राथमिक मत, गोपनीय मतदान
बहुमत का आवश्यकतांक: 377 वोट
विपक्ष की प्रतिक्रिया और क्रॉस वोटिंग
विपक्ष ने संयुक्त उम्मीदवार दिखाया लेकिन 324 की अपेक्षित ताकत से 300 वोट ही मिल सके। 15 अवैध वोट विपक्ष की कमी और क्रॉस वोटिंग का संकेत देते हैं।
कांग्रेस के जयराम रमेश ने विपक्ष की एकता को मजबूती बताया, साथ ही इसे एक नैतिक जीत बताया।
विशेष Parliamentary भागीदारी और राजनीतिक परिदृश्य
प्रधानमंत्री मोदी ने सबसे पहले मतदान किया।
92 वर्ष के देव गोवदा और जेल में बंद सांसद इंजीनियर राशिद ने भी मतदान किया।
पंजाब के सांसद अमृतपाल सिंह ने मतदान से परहेज किया।
राजनीतिक महत्व और प्रतिक्रिया
प्रधानमंत्री ने राधाकृष्णन को बधाई दी और उनके संवैधानिक मूल्यों और संसदीय संवाद को मजबूत करने की उम्मीद जताई। विपक्ष ने आशा जताई कि वे विपक्ष को समान सम्मान देगी।
परीक्षा तैयारी के लिए इसका महत्व
संविधान और शासन (GS पेपर 2):
उपराष्ट्रपति के चुनाव संबंधी संविधान के प्रावधान (अनुच्छेद 63-71)
चुनावी मण्डल और मतदान पद्धति
इस्तीफा प्रक्रिया और संवैधानिक सुरक्षा
राज्यसभा के सभापतित्व सहित उपराष्ट्रपति की भूमिका
करंट अफेयर्स:
नवीनतम राजनीतिक घटनाएं
गठबंधन राजनीति और क्रॉस वोटिंग
क्षेत्रीय प्रतिनिधित्व
संसदीय चुनावी प्रक्रियाएं
महत्त्वपूर्ण प्वाइंट्स:
अनुच्छेद 66, 67, 68, 64 के प्रावधान
सिंगल ट्रांसफरेबल वोट प्रणाली
लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं और संस्थागत स्थिरता
यह चुनाव भारत के संवैधानिक ढांचे की मजबूती और राजनीतिक परिदृश्य की समझ के लिहाज से UPSC और अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।