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भारत ने अपनी रक्षा क्षमताओं को और सुदृढ़ करते हुए एक और महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है। 17 जुलाई 2025 को ओडिशा के चांदीपुर स्थित एकीकृत परीक्षण रेंज (ITR) से भारत ने दो महत्वपूर्ण बैलिस्टिक मिसाइलों — पृथ्वी-2 और अग्नि-1 का सफल परीक्षण किया। यह परीक्षण Strategic Forces Command (SFC) की निगरानी में किया गया था और इसका उद्देश्य सभी तकनीकी एवं परिचालन मानकों की पुष्टि करना था।

मिसाइल परीक्षण की मुख्य झलकियाँ

पृथ्वी-2 मिसाइल परीक्षण

पृथ्वी-2 भारत की पहली मिसाइल है जिसे Integrated Guided Missile Development Programme (IGMDP) के अंतर्गत विकसित किया गया। इसका परीक्षण लॉन्च पैड-3 से किया गया। इसमें निम्नलिखित प्रमुख विशेषताएँ हैं:

✅ रेंज: 350 किलोमीटर तक

✅ पेलोड क्षमता: 500 किलोग्राम

✅ प्रणोदन प्रणाली: तरल ईंधन आधारित

✅ वारहेड: पारंपरिक और परमाणु दोनों प्रकार के

अग्नि-1 मिसाइल परीक्षण

अग्नि-1 मिसाइल का परीक्षण अब्दुल कलाम द्वीप से किया गया। यह भारत की रणनीतिक मिसाइल प्रणाली का एक अहम हिस्सा है, जिसकी विशेषताएँ हैं:

✅ रेंज: 700–900 किलोमीटर

✅ पेलोड: 1,000 किलोग्राम

✅ प्रणोदन प्रणाली: एकल-चरणीय ठोस ईंधन

✅ वजन: 12 टन

✅ लंबाई: 15 मीटर

स्ट्रैटेजिक फोर्सेस कमांड (SFC)

Strategic Forces Command यानी रणनीतिक बल कमान देश के परमाणु हथियारों की जिम्मेदारी संभालने वाली इकाई है, जो Nuclear Command Authority (NCA) के निर्देशों का पालन करती है।

▶ स्थापना: 4 जनवरी 2003

▶ मुख्य कार्य: परमाणु हथियारों का नियंत्रण, परीक्षण और परिचालन तैयारी बनाए रखना

▶ स्वतंत्र गठन: भारतीय राष्ट्रपति द्वारा नियुक्त—अत्यधिक सुरक्षा और गोपनीयता के साथ कार्य करता है

एकीकृत परीक्षण रेंज (ITR), चांदीपुर

भारत का रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) द्वारा स्थापित यह परीक्षण रेंज देश की प्रमुख मिसाइलें परीक्षण करने के लिए जानी जाती है।

✅ दो परीक्षण परिसर: LC-III (चांदीपुर) और LC-IV (अब्दुल कलाम द्वीप)

✅ उपयोग: विभिन्न प्रकार की मिसाइल प्रणाली के परीक्षण

✅ विशेषता: समुद्री किनारे स्थित होने के कारण सुरक्षित लॉन्चिंग

IGMDP का महत्व

Dr. A.P.J. Abdul Kalam के नेतृत्व में 1983 में शुरू हुआ Integrated Guided Missile Development Programme (IGMDP) भारत के मिसाइल स्वावलंबन का आधार है। इसके अंतर्गत पाँच प्रमुख मिसाइल प्रणालियाँ विकसित की गईं:

🔸 पृथ्वी – सतह से सतह

🔸 अग्नि – मध्यम से लंबी दूरी की सतह से सतह पर मार करने वाली

🔸 आकाश – सतह से हवा

🔸 त्रिशूल – लघु दूरी की सतह से हवा

🔸 नाग – टैंकभेदी मिसाइल

ऑपरेशन सिंदूर के बाद का महत्व

यह परीक्षण ऑपरेशन सिंदूर के दो महीने बाद हुआ है। उस अभियान में भारतीय वायु रक्षा प्रणालियों ने दुश्मन के यूएवी और मिसाइल हमलों को असफल किया था। पृथ्वी और अग्नि जैसी मिसाइलों ने उस ऑपरेशन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।

तकनीकी विश्लेषण

पृथ्वी-2 की तकनीकी खूबियाँ:

🎯 सटीकता: 100–300 मीटर CEP

🎯 तैयारी समय: 2–3 घंटे

🎯 मोबाइल लॉन्च: ट्रक पर आधारित मोबिलिटी के साथ

🎯 वारहेड्स: 5 प्रकार के विभिन्न विस्फोटक सिरों को ले जाने की क्षमता

अग्नि-1 की तकनीकी खूबियाँ:

💥 प्रणोदन: एकल चरणीय ठोस ईंधन

💥 गति: 2.5 किमी/सेकंड

💥 त्रिज्या: 1 मीटर

💥 परिचालन में: 2007 से सेना में

रक्षा मंत्री की प्रतिक्रिया

रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने इस परीक्षण के सफल निष्पादन पर भारतीय सेना, DRDO और तकनीकी विशेषज्ञों को बधाई दी और इसे "एक अद्वितीय उपलब्धि" कहा।

आकाश प्राइम मिसाइल का समानांतर परीक्षण

इस परीक्षण से एक दिन पहले 16 जुलाई को लद्दाख में आकाश प्राइम मिसाइल का सफल परीक्षण हुआ:

🔹 ऊँचाई: 4,500 मीटर से ऊपर

🔹 क्षेत्र: वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के निकट

🔹 तकनीक: स्वदेशी RF सीकर का उपयोग

भारत की मिसाइल नीति

भारत की मिसाइल नीति 'Minimum Credible Deterrence (MCD)' पर आधारित है:

✅ No First Use (NFU): पहले परमाणु हमला नहीं करने की नीति

✅ Dual-use Capability: पारंपरिक और परमाणु दोनों विकल्प

✅ Second Strike Readiness: जैसे को तैसा जवाब देने की शक्ति

वैश्विक परिप्रेक्ष्य में भारत की स्थिति

अमेरिका, चीन और रूस जैसी वैश्विक शक्तियों के पास एडवांस मिसाइल प्रणाली है, लेकिन भारत ने भी महत्वपूर्ण छलांग लगाई है:

🛡️ स्वदेशी निर्माण

🛡️ प्रति वर्ष 40 मिसाइलें बनाने की क्षमता

🛡️ हर रेंज में विविधता

मिसाइल विकास और आर्थिक संदर्भ

भारत का रक्षा निर्यात 2023-24 में ₹21,083 करोड़ तक पहुँच चुका है, और 2025 तक ₹35,000 करोड़ का लक्ष्य निर्धारित है:

📈 आत्मनिर्भर भारत को समर्थन

📈 मिसाइलों की निर्यात संभावना

📈 विदेशी तकनीक पर निर्भरता में कमी

भविष्य की योजनाएँ

🔭 अग्नि-6: 8,000–10,000 किमी रेंज की अंतरमहाद्वीपीय मिसाइल (ICBM)

🔭 हाइपरसोनिक क्रूज़ मिसाइल (ET-LDHCM) का विकास

🔭 MIRV तकनीक – एक साथ कई लक्ष्य भेदन की क्षमता

✦ परीक्षा की तैयारी के लिए क्यों है यह समाचार महत्वपूर्ण?

🔶 रक्षा अध्ययन (Defence Studies)

यह परीक्षण भारत की रक्षा क्षमता को दर्शाता है और आंतरिक सुरक्षा व रणनीतिक रक्षा के प्रश्नों में इसका ज़िक्र संभावित है।

🔶 विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी (Science & Tech)

मिसाइल तकनीक, प्रणोदन और नेविगेशन UPSC की विज्ञान एवं तकनीक श्रेणी में अक्सर पूछे जाते हैं।

🔶 करेंट अफेयर्स

17 जुलाई 2025 का यह महत्वपूर्ण समाचार आगामी प्रीलिम्स व मेन्स दोनों के लिए संभावित प्रश्न बन सकता है।

🔶 अंतर्राष्ट्रीय संबंध (IR)

भारत की मिसाइल क्षमताओं का वैश्विक परिप्रेक्ष्य में महत्व अंतर्राष्ट्रीय राजनीति से जुड़ी तैयारी में सहायक होगा।

🔶 मुख्य तथ्य याद रखें:

🗓️ परीक्षण तिथि: 17 जुलाई 2025

🌍 परीक्षण स्थल: चांदीपुर, ओडिशा

🚀 पृथ्वी-2: रेंज 350 किमी | पेलोड 500 किग्रा

🚀 अग्नि-1: रेंज 700–900 किमी | पेलोड 1,000 किग्रा

🎯 परिचालन यूनिट: Strategic Forces Command

🧪 कार्यक्रम: IGMDP, डॉ. कलाम के नेतृत्व में

🛡️ स्थापना: Strategic Forces Command – 2003

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