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राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 12 जुलाई 2025 को संविधान के अनुच्छेद 80 के तहत चार प्रतिष्ठित व्यक्तियों को राज्यसभा के लिए नामांकित किया है। यह कदम उन रिक्तियों को भरता है, जो पिछले एक वर्ष से खाली थीं।

मुख्य बिंदु

नामांकित सदस्यों की सूची

राष्ट्रपति द्वारा नामांकित चार व्यक्तियों में शामिल हैं:

उज्ज्वल देवरा निकम – प्रसिद्ध सरकारी वकील, 26/11 मुंबई आतंकी हमले के मामले में अजमल कसाब के खिलाफ मुकदमा लड़ने के लिए प्रसिद्ध।

सी. सदानंदन मास्टर – केरल के वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता और शिक्षक, जिन्होंने 1994 में राजनीतिक हिंसा में अपने दोनों पैर गंवा दिए थे।

हर्षवर्धन श्रृंगला – भारत के पूर्व विदेश सचिव, अमेरिका में राजदूत और बांग्लादेश में उच्चायुक्त रहे।

डॉ. मीनाक्षी जैन – प्रसिद्ध इतिहासकार और शिक्षाविद, दिल्ली विश्वविद्यालय के गार्गी कॉलेज में पूर्व प्राध्यापक।

संविधान के अनुच्छेद 80 के तहत नामांकन

भारतीय संविधान के अनुच्छेद 80 के अनुसार, राष्ट्रपति राज्यसभा में 12 व्यक्तियों को नामांकित कर सकते हैं। ये व्यक्ति निम्नलिखित क्षेत्रों में विशेष ज्ञान या व्यावहारिक अनुभव रखते हों:

साहित्य

विज्ञान

कला

सामाजिक सेवा

राज्यसभा की वर्तमान संरचना

अधिकतम सदस्य संख्या: 250

नामांकित सदस्य: 12 (राष्ट्रपति द्वारा)

निर्वाचित सदस्य: 238 (राज्य एवं केंद्र शासित प्रदेशों से)

वर्तमान कुल संख्या: 245 सदस्य

नामांकित सदस्यों का विस्तृत परिचय

उज्ज्वल निकम

उज्ज्वल निकम, 72 वर्षीय, एक प्रसिद्ध वकील हैं जिन्होंने कई हाई-प्रोफाइल आतंकी और हत्या के मामलों में सरकारी वकील के रूप में कार्य किया है। प्रमुख मामले:

1993 मुंबई बम विस्फोट

26/11 मुंबई आतंकी हमला – अजमल कसाब को फांसी की सजा दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका

गुलशन कुमार हत्या मामला

प्रमोद महाजन हत्या मामला

उन्हें 2016 में पद्मश्री से सम्मानित किया गया था। 2024 के लोकसभा चुनाव में उन्होंने मुंबई उत्तर मध्य सीट से भाजपा उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ा था, लेकिन हार गए थे।

सी. सदानंदन मास्टर

सी. सदानंदन मास्टर केरल के कन्नूर जिले के शिक्षक और सामाजिक कार्यकर्ता हैं। उनका जीवन साहस और दृढ़ता का प्रतीक है:

1994 में राजनीतिक हमला: 25 जनवरी 1994 को कथित तौर पर सीपीएम कार्यकर्ताओं द्वारा दोनों पैर काट दिए गए।

शिक्षण कार्य: 1999 से श्री दुर्गा विलासम हायर सेकेंडरी स्कूल में सामाजिक विज्ञान पढ़ा रहे हैं।

राजनीतिक सक्रियता: 2016 और 2021 में कूथुपरम्बा विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा।

हर्षवर्धन श्रृंगला

हर्षवर्धन श्रृंगला 1984 बैच के भारतीय विदेश सेवा अधिकारी हैं। उनके प्रमुख पद:

विदेश सचिव (जनवरी 2020 – अप्रैल 2022)

अमेरिका में राजदूत – 'हाउडी मोदी' कार्यक्रम के दौरान

बांग्लादेश में उच्चायुक्त

थाईलैंड में राजदूत

G-20 शिखर सम्मेलन के मुख्य समन्वयक (2023)

डॉ. मीनाक्षी जैन

डॉ. मीनाक्षी जैन एक प्रसिद्ध इतिहासकार और शिक्षाविद हैं। उनके योगदान:

शिक्षा: दिल्ली विश्वविद्यालय के गार्गी कॉलेज में इतिहास की एसोसिएट प्रोफेसर

पुस्तकें: 'राम और अयोध्या', 'सती: इतिहास और मिथक', 'द बैटल फॉर राम' आदि की लेखिका

सम्मान: 2020 में पद्मश्री से सम्मानित

NCERT पाठ्यपुस्तक: मध्यकालीन भारत पर एनसीईआरटी की पुस्तक की लेखिका

प्रधानमंत्री की प्रतिक्रिया

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सभी चार नामांकित व्यक्तियों को बधाई दी और उनके योगदान की सराहना की। उन्होंने कहा कि ये नामांकन संसद में विविध दृष्टिकोण और विशेषज्ञता लाएंगे।

प्रधानमंत्री के शब्दों में:

उज्ज्वल निकम: “कानून के क्षेत्र और संविधान के प्रति उनका समर्पण अनुकरणीय है।”

सदानंदन मास्टर: “उनका जीवन साहस और अन्याय के खिलाफ खड़े होने का प्रतीक है।”

हर्षवर्धन श्रृंगला: “कूटनीति के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान।”

डॉ. मीनाक्षी जैन: “शिक्षा और इतिहास के क्षेत्र में महत्वपूर्ण कार्य।”

राज्यसभा में नामांकित सदस्यों के अधिकार

राज्यसभा में नामांकित सदस्यों को निम्नलिखित अधिकार और सुविधाएं प्राप्त हैं:

मुख्य अधिकार:

मासिक वेतन: ₹1.24 लाख (2025 के अनुसार)

सभी संसदीय अधिकार: निर्वाचित सदस्यों के समान

कार्यकाल: 6 वर्ष

राजनीतिक दल: 6 महीने के भीतर किसी भी दल में शामिल हो सकते हैं

सीमाएं:

राष्ट्रपति चुनाव: मतदान का अधिकार नहीं

उप-राष्ट्रपति चुनाव: मतदान का अधिकार है

मंत्रिपरिषद: अब तक कोई नामांकित सदस्य मंत्री नहीं बना

ऐतिहासिक संदर्भ

1952 से अब तक कई प्रतिष्ठित व्यक्तियों को राज्यसभा में नामांकित किया गया है, जिनमें वैज्ञानिक, कलाकार, साहित्यकार और सामाजिक कार्यकर्ता शामिल हैं।

हाल के नामांकन:

सुधा मूर्ति (मार्च 2024) – सामाजिक सेवा और शिक्षा

इलैयाराजा (जुलाई 2022) – संगीत

पी.टी. उषा (जुलाई 2022) – खेल

वी. विजयेंद्र प्रसाद (जुलाई 2022) – फिल्म निर्देशन

राष्ट्रीय महत्व

इन नामांकनों का राष्ट्रीय महत्व निम्नलिखित कारणों से है:

संसदीय मजबूती:

विविध विशेषज्ञता: कानून, कूटनीति, इतिहास और सामाजिक सेवा के क्षेत्र से

गुणवत्तापूर्ण चर्चा: नीति निर्माण में विशेषज्ञ दृष्टिकोण

राष्ट्रीय एकता: विभिन्न राज्यों से प्रतिनिधित्व

लोकतांत्रिक मूल्य:

मेरिट-आधारित चयन: राजनीतिक कारणों से नहीं, बल्कि योग्यता के आधार पर चयन

संविधान की भावना: अनुच्छेद 80 के उद्देश्य की पूर्ति

राष्ट्रीय सेवा: जीवनभर की सेवा का सम्मान

राज्यसभा चुनाव प्रक्रिया

राज्यसभा में सदस्य बनने की दो प्रक्रियाएं हैं:

निर्वाचित सदस्य:

चुनाव प्रक्रिया: राज्य विधानसभाओं के निर्वाचित सदस्यों द्वारा

मतदान प्रणाली: आनुपातिक प्रतिनिधित्व और एकल संक्रमणीय मत

सीट आवंटन: राज्य की जनसंख्या के आधार पर

नामांकित सदस्य:

राष्ट्रपति की शक्ति: संविधान के अनुच्छेद 80 के तहत

चयन मानदंड: विशेष ज्ञान और व्यावहारिक अनुभव

सरकारी सलाह: केंद्र सरकार की सिफारिश पर

समसामयिक प्रासंगिकता

यह नामांकन 2025 के चुनावी वर्ष में विशेष महत्व रखता है:

राजनीतिक संदेश:

न्याय व्यवस्था: उज्ज्वल निकम का नामांकन न्यायिक सुधारों के प्रति प्रतिबद्धता दर्शाता है

सामाजिक न्याय: सदानंदन मास्टर का नामांकन राजनीतिक हिंसा के खिलाफ सशक्त संदेश

विदेश नीति: श्रृंगला का नामांकन भारत की बढ़ती कूटनीतिक भूमिका को दर्शाता है

सांस्कृतिक पहचान: डॉ. जैन का नामांकन भारतीय इतिहास और संस्कृति के प्रति गौरव को दर्शाता है

संसदीय कार्यप्रणाली:

विशेषज्ञ सलाह: नीति निर्माण में तकनीकी और विषयगत विशेषज्ञता

गुणवत्तापूर्ण बहस: विविध अनुभवों से समृद्ध चर्चा

राष्ट्रीय हित: पार्टी राजनीति से ऊपर उठकर राष्ट्रीय मुद्दों पर फोकस

आगे की राह

इन नामांकनों से अपेक्षाएं:

तात्कालिक प्रभाव:

संसदीय सत्र: आगामी मानसून सत्र में सक्रिय भागीदारी

कानूनी मुद्दे: न्यायिक सुधारों में उज्ज्वल निकम का योगदान

विदेश नीति: श्रृंगला का अंतरराष्ट्रीय मामलों में योगदान

दीर्घकालिक योगदान:

संस्थागत मजबूती: संसदीय परंपराओं और मूल्यों का संरक्षण

नीति निर्माण: विशेषज्ञता आधारित नीति सुझाव

राष्ट्रीय एकता: विविधता में एकता को बढ़ावा

आपकी परीक्षा तैयारी के लिए यह क्यों महत्वपूर्ण है

यह समसामयिक घटना UPSC और अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है:

संवैधानिक महत्व:

अनुच्छेद 80: राज्यसभा की संरचना और नामांकन प्रक्रिया की समझ आवश्यक

संघीय ढांचा: केंद्र-राज्य संबंधों में राज्यसभा की भूमिका

लोकतांत्रिक मूल्य: नामांकन प्रक्रिया में योग्यता और विशेषज्ञता का महत्व

व्यक्तित्व और नेतृत्व:

उज्ज्वल निकम: न्यायिक सुधार और आतंकवाद विरोधी प्रयासों में योगदान

सदानंदन मास्टर: राजनीतिक हिंसा के खिलाफ संघर्ष और शिक्षा में योगदान

हर्षवर्धन श्रृंगला: भारतीय कूटनीति और अंतरराष्ट्रीय संबंधों में भूमिका

डॉ. मीनाक्षी जैन: भारतीय इतिहास और सांस्कृतिक अध्ययन में योगदान

समसामयिक प्रासंगिकता:

राजनीतिक घटनाक्रम: 2025 के चुनावी वर्ष में संसदीय प्रक्रिया की समझ

सामाजिक न्याय: विविध पृष्ठभूमि के लोगों का प्रतिनिधित्व

राष्ट्रीय एकता: सभी क्षेत्रों से प्रतिनिधित्व का महत्व

यह नामांकन भारतीय लोकतंत्र को मजबूत करने और संसदीय प्रक्रिया की गुणवत्ता बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। प्रतियोगी परीक्षा अभ्यर्थियों के लिए यह संविधान, भारतीय राजनीति और समसामयिक घटनाओं से जुड़े विषयों के लिए अत्यंत प्रासंगिक है।

अधिक अपडेट्स और विस्तृत विश्लेषण के लिए देखें: Atharva Examwise करेंट अफेयर्स