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भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने वित्त वर्ष 2024–25 के लिए केंद्र सरकार को 2.69 लाख करोड़ रुपए का अभूतपूर्व डिविडेंड ट्रांसफर करने की घोषणा की है, जो पिछले वर्ष के 2.1 लाख करोड़ रुपए से 27.4% अधिक है। यह घटना भारत की राजकोषीय स्थिरता, तरलता प्रबंधन और आर्थिक विकास रणनीतियों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। यूपीएससी अभ्यर्थियों के लिए, इस विषय को समझना मैक्रोइकोनॉमिक गवर्नेंस, मौद्रिक नीति ढांचे और राजकोषीय समेकन के तंत्र को जानने के लिए जरूरी है।

आरबीआई के डिविडेंड ट्रांसफर का आर्थिक महत्व

मुख्य तथ्य और आंकड़े

आरबीआई के केंद्रीय निदेशक मंडल ने गवर्नर संजय मल्होत्रा की अध्यक्षता में 616वीं बैठक में डिविडेंड को मंजूरी दी। प्रमुख बिंदु:

भारत के इतिहास में सबसे बड़ा डिविडेंड ट्रांसफर, जो FY24 के 2.1 लाख करोड़ रुपए से अधिक।

27.4% साल-दर-साल वृद्धि जो आरबीआई की मजबूत कमाई को दर्शाता है।

बजटीय अनुमान से 13,000 करोड़ रुपए अधिक (सरकार ने 2.56 लाख करोड़ का अनुमान लगाया था)।

यह सरप्लस इकोनॉमिक कैपिटल फ्रेमवर्क (ECF) द्वारा नियंत्रित होता है, जिससे केंद्रीय बैंक के पास पर्याप्त रिजर्व रहते हैं और सरकार की वित्तीय स्थिति भी मजबूत होती है।

आरबीआई की कमाई के स्रोत

प्रमुख आय स्रोत

आरबीआई की कमाई विभिन्न माध्यमों से होती है:

सीनियरेज लाभ (Seigniorage Profits):
करेंसी नोट्स की उत्पादन लागत और उनकी अंकित मूल्य के बीच का अंतर आरबीआई की आय का बड़ा स्रोत है। FY25 में, नोटों की बढ़ी हुई मांग के कारण सीनियरेज से कुल आय का लगभग 18% आया।

विदेशी मुद्रा संचालन:
भारत के 644 अरब डॉलर के विदेशी मुद्रा भंडार (मई 2025 तक) के प्रबंधन से आय होती है:

अमेरिकी ट्रेजरी बॉन्ड्स और विदेशी सरकारी प्रतिभूतियों पर ब्याज।

डॉलर की बिक्री से लाभ (FY25 में 83.4 रुपए प्रति डॉलर के स्तर पर रुपया)।

घरेलू परिसंपत्ति प्रबंधन:

सरकारी प्रतिभूतियों (Government Securities) और ट्रेजरी बिल्स की खरीद-बिक्री (Open Market Operations)।

बैंकों को शॉर्ट टर्म लिक्विडिटी देने पर ब्याज (रेपो रेट ऑपरेशंस)।

बैंकिंग सेवाएं:
करेंसी वितरण, डेट मैनेजमेंट और रियल टाइम ग्रॉस सेटलमेंट (RTGS) जैसी सेवाओं से फीस।

सरकार के वित्त पर प्रभाव

राजकोषीय घाटे में कमी

डिविडेंड से सरकार को निम्नलिखित लाभ होंगे:

FY25 का राजकोषीय घाटा GDP का 0.2% घटकर 4.4% से 4.2% हो सकता है (SBI की रिपोर्ट के अनुसार)।

रक्षा और इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स के लिए 70,000 करोड़ रुपए अतिरिक्त खर्च बिना अतिरिक्त उधारी के।

GST और कॉरपोरेट टैक्स जैसी टैक्स वसूली में कमी की भरपाई

बैंकिंग सिस्टम में तरलता

बैंकिंग सिस्टम में 6 लाख करोड़ रुपए तक की अतिरिक्त तरलता, जिससे शॉर्ट टर्म लेंडिंग रेट्स (WACR) 6.25% से घटकर 5.85% हो सकते हैं।

RBI के ओपन मार्केट ऑपरेशंस में कमी की संभावना, जिससे दीर्घकालिक बॉन्ड यील्ड पर दबाव कम होगा।

आरबीआई सरप्लस ट्रांसफर का ऐतिहासिक ट्रेंड

वित्त वर्षडिविडेंड (करोड़ रुपए)वृद्धि दर (%)
FY1850,000
FY191,75,988251.98
FY2057,128-67.54
FY2199,12273.51
FY2230,307-69.42
FY2387,416188.44
FY242,10,874141.23
FY252,68,59027.37

 

स्रोत: आरबीआई वार्षिक रिपोर्ट्स

लगातार तीसरे वर्ष बजटीय अनुमान से अधिक डिविडेंड ट्रांसफर यह दर्शाता है कि आरबीआई की जोखिम प्रबंधन रणनीति और विदेशी मुद्रा से लाभ मजबूत रहे हैं।

डिविडेंड फंड्स का रणनीतिक उपयोग

प्राथमिकता वाले क्षेत्र

रक्षा आधुनिकीकरण:

1.5 लाख करोड़ रुपए के रक्षा अधिग्रहण योजना 2025 के तहत खरीद में तेजी।

भू-राजनीतिक तनाव के बीच सीमा पर इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करना।

पूंजीगत व्यय (कैपेक्स):

रेलवे (2.4 लाख करोड़ रुपए आवंटन) और राजमार्गों में नेशनल इंफ्रास्ट्रक्चर पाइपलाइन (NIP) परियोजनाओं का विस्तार।

पीएम गति शक्ति जैसी मल्टीमोडल कनेक्टिविटी योजनाओं को समर्थन।

सामाजिक कल्याण योजनाएं:

पीएम-किसान (8,500 करोड़ रुपए/माह) और मनरेगा (250 रुपए/दिन) में वृद्धि।

आयुष्मान भारत के तहत गैर-संचारी रोगों की कवरेज का विस्तार।

भविष्य की संभावनाएं और मौद्रिक नीति

तरलता प्रबंधन की चुनौतियां

अतिरिक्त तरलता (Q1 FY26 में 4–4.5 लाख करोड़ रुपए) के कारण:

नकद आरक्षित अनुपात (CRR) में वृद्धि।

अतिरिक्त तरलता को सोखने के लिए VRRR (वैरिएबल रेट रिवर्स रेपो) नीलामी।

मुद्रास्फीति और विकास

सीपीआई मुद्रास्फीति FY24 के 4.9% से घटकर 4.1% हो सकती है, जिससे आपूर्ति पक्ष की स्थिति सुधरेगी।

GDP वृद्धि FY25 में 7.3% रहने का अनुमान, जिसमें सार्वजनिक निवेश और उपभोग की भूमिका अहम होगी।

आपकी परीक्षा की तैयारी के लिए क्यों महत्वपूर्ण है

जीएस पेपर 3 (अर्थव्यवस्था) के लिए मुख्य विषय

राजकोषीय समेकन:

गैर-कर राजस्व (RBI डिविडेंड) की भूमिका।

मौद्रिक नीति (ECF फ्रेमवर्क) और राजकोषीय प्राथमिकताओं के बीच संबंध।

मौद्रिक नीति के उपकरण:

कंटिन्जेंट रिस्क बफर (CRB) का महत्व।

तरलता समायोजन तंत्र (OMO, LAF, MSF) की कार्यप्रणाली।

करेंट अफेयर्स का एकीकरण:

आर्थिक सर्वेक्षण 2024–25 से लिंक (राजकोषीय विकेंद्रीकरण, कैपेक्स आधारित विकास)।

बैंकिंग सेक्टर की स्थिरता (NPA, क्रेडिट ग्रोथ) पर प्रभाव।

निबंध और साक्षात्कार के लिए प्रासंगिकता

केस स्टडी: आरबीआई की डिविडेंड नीति को केंद्रीय बैंक की स्वायत्तता के उदाहरण के रूप में।

एथिक्स: सार्वजनिक संस्थाओं में लाभ ट्रांसफर और वित्तीय मजबूती का संतुलन।

आंतरिक लिंक और आगे पढ़ें:

UPSC आर्थिक सर्वेक्षण विश्लेषण

प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए मौद्रिक नीति अपडेट