मध्यप्रदेश में HIV/AIDS का फिर बढ़ता खतरा: UPSC और MPPSC के लिए महत्वपूर्ण विश्लेषण
तारीख: 1 दिसंबर 2025
श्रेणी: स्वास्थ्य एवं सामाजिक मुद्दे / राज्य समाचार
राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण संगठन (NACO) ने मध्यप्रदेश स्टेट एड्स कंट्रोल सोसायटी को HIV संक्रमण में चिंताजनक वृद्धि को लेकर गंभीर चेतावनी जारी की है। 2030 तक एड्स उन्मूलन के लक्ष्य को देखते हुए हाल के आँकड़े यह दर्शाते हैं कि प्रमुख शहरों—विशेषकर इंदौर—में संक्रमण दर बढ़ रही है जबकि टेस्टिंग घट रही है, जो अत्यंत चिंताजनक है।
UPSC CSE, MPPSC और अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे छात्रों के लिए यह पब्लिक हेल्थ डायनेमिक्स समझना GS Paper-II (Health & Social Justice) और राज्य आधारित मॉड्यूल्स के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।
NACO चेतावनी: 2030 उन्मूलन लक्ष्य पर संकट
केंद्रीय नोडल एजेंसी NACO ने संकेत दिया है कि यदि त्वरित और “तेज़-तर्रार कार्रवाई” नहीं की गई तो मध्यप्रदेश के लिए 2030 तक एड्स महामारी को समाप्त करने का लक्ष्य (SDG-2030) हासिल करना मुश्किल होगा।
वर्तमान स्थिति:
सक्रिय मरीज: लगभग 70,000
एडल्ट HIV प्रिवेलेन्स दर: 0.10%
सर्वाइवल रेट: ART उपचार के पालन से 85% मरीज जीवित हैं
इंदौर पैरेडॉक्स: बढ़ते संक्रमण बनाम घटती टेस्टिंग
राज्य के व्यापारीक केंद्र इंदौर से आए डेटा ने गंभीर विरोधाभास दिखाया है—संक्रमण दर बढ़ रही है लेकिन टेस्टिंग तेजी से घट रही है।
मुख्य आँकड़े (इंदौर विश्लेषण):
संक्रमण दर दोगुनी:
2022 में 0.33% → 2025 में 0.74%
टेस्टिंग में भारी गिरावट:
✔ 2022: 1.47 लाख टेस्ट
✔ 2025 (जनवरी–अक्टूबर): केवल 70,390 टेस्ट
व्याख्या:
बढ़ती positivity rate + गिरती टेस्टिंग का मतलब है कि वास्तविक संक्रमण बोझ रिपोर्ट से कहीं अधिक हो सकता है। यह surveillance में गंभीर कमी को दर्शाता है।
उच्च-जोखिम वाले जिले और जनसमूह
संक्रमण पूरे राज्य में समान नहीं है। कुछ जिलों और डेमोग्राफिक समूहों में स्थिति अत्यंत चिंताजनक है।
7 उच्च-जोखिम जिले:
अशोकनगर
भोपाल
गुना
जबलपुर
नरसिंहपुर
श्योपुर
शिवपुरी
(इसके अतिरिक्त इंदौर और रतलाम में भी विशेष डिटेक्शन ड्राइव आवश्यक बताए गए हैं।)
संवेदनशील समूह
1. इंजेक्टिंग ड्रग यूज़र्स (IDUs):
संक्रमण दर 4.20%, जो ड्रग-एब्यूज़ और पब्लिक हेल्थ क्राइसिस के खतरनाक संयोजन को दिखाती है।
2. युवा (डेटिंग ऐप फैक्टर):
बीते दो वर्षों में हर 10 में 3 नए मरीज युवा हैं।
कई मामलों में संक्रमण का स्रोत डेटिंग ऐप्स और सामाजिक आयोजनों (पब/पार्टी) से जुड़ी casual encounters पाए गए हैं।
3. गर्भवती महिलाएँ:
मध्यप्रदेश में हर दिन 2 गर्भवती महिलाएँ HIV पॉजिटिव पाई जा रही हैं।
इसमें देर से की गई टेस्टिंग Mother-to-Child Transmission (MTCT) के जोखिम को बढ़ाती है।
TB-HIV सह-संक्रमण की चुनौती
TB और HIV का घातक संयोजन राज्य की पब्लिक हेल्थ के लिए अत्यंत गंभीर समस्या है।
ART का पालन न करने वाले मरीजों में 90% मामलों में TB का विकास होता है।
कई मौतें TB के तौर पर दर्ज की जाती हैं जबकि वास्तविक कारण HIV होता है—यह मृत्यु डेटा को भ्रमित करता है।
यह विषय परीक्षा की दृष्टि से क्यों महत्वपूर्ण है?
UPSC GS Paper II (Social Justice & Health):
इसे Public Health Management के case study की तरह उपयोग किया जा सकता है।
NACP (National AIDS Control Programme) के दीर्घकालिक क्रियान्वयन की चुनौतियाँ दर्शाता है।
SDG-3.3 (2030 तक AIDS समाप्ति) का उल्लेख कर सकते हैं और MP के regional disparity को national target पर खतरे के रूप में बताएं।
UPSC GS Paper III (Internal Security / Society):
ड्रग-एब्यूज़ (IDUs) और संक्रमण फैलाव का लिंक—internal security मुद्दे से जुड़ा महत्वपूर्ण बिंदु।
MPPSC एवं राज्य परीक्षाएँ:
7 high-risk जिलों को Prelims के लिए रट लें।
Mains में इंदौर के डेटा का उपयोग कर Urban Health System की आलोचनात्मक समीक्षा कर सकते हैं।
Essay Writing:
विषय उपयुक्त है—
✔ “लाइफस्टाइल डिज़ीज़ और युवा”
✔ “Digital Age Challenges”
(डेटिंग-ऐप वेक्टर का उदाहरण देकर मजबूत तर्क पेश कर सकते हैं)
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