Climate Performance Index 2026 में भारत की चौंकाने वाली गिरावट को समझना
भारत ने Climate Change Performance Index (CCPI) 2026 में 13 स्थानों की बड़ी गिरावट दर्ज की है। 2024 के 10वें स्थान से गिरकर 2025 में 23वें स्थान पर पहुँच गया, स्कोर: 61.31 अंक।
यह हाल के वर्षों में भारत की सबसे तीव्र गिरावट है और वैश्विक मंच पर देश की जलवायु प्रतिबद्धताओं पर गंभीर प्रश्न उठाती है।
यह रिपोर्ट 18 नवंबर 2025 को UN COP30 Climate Summit, बेलें (ब्राज़ील) में जारी की गई।
इसे तीन प्रमुख अंतरराष्ट्रीय संगठनों ने मिलकर तैयार किया:
Germanwatch
NewClimate Institute
Climate Action Network
Climate Change Performance Index (CCPI) क्या है?
CCPI एक वार्षिक स्वतंत्र निगरानी उपकरण है, जो दुनिया के देशों के जलवायु संरक्षण प्रयासों का मूल्यांकन करता है।
यह चार मुख्य श्रेणियों में प्रदर्शन को आंकता है:
ग्रीनहाउस गैस (GHG) उत्सर्जन
नवीकरणीय ऊर्जा का विस्तार
ऊर्जा उपयोग की दक्षता
जलवायु नीति ढांचा
इसमें शामिल 63 देश और EU दुनिया के 90% से अधिक GHG उत्सर्जन का प्रतिनिधित्व करते हैं।
यह आकलन मॉडल 2005 से जारी है।
भारत की रैंकिंग इतनी गिर क्यों गई?
1. कोयला निकास समयसीमा का अभाव
भारत ने अब तक राष्ट्रीय स्तर पर कोयला चरणबद्ध समाप्ति की स्पष्ट समयसीमा नहीं दी है।
नए कोयला ब्लॉकों की नीलामी जारी है, उत्पादन बढ़ने का अनुमान है — यह वैश्विक प्रतिबद्धताओं के विपरीत है।
2. GHG उत्सर्जन में वृद्धि
भारत उत्सर्जन प्रवृत्तियों में सबसे निचले स्थान पर है — उपभोग बढ़ने के साथ GHG उत्सर्जन तेजी से बढ़ रहा है।
3. जलवायु नीति कार्यान्वयन कमजोर
नीतियाँ मौजूद हैं, लेकिन:
क्रियान्वयन असंगत
कार्बन मूल्य निर्धारण कमजोर
जनभागीदारी सीमित
4. जीवाश्म ईंधन सब्सिडी जारी
सब्सिडी और इंफ्रास्ट्रक्चर—दोनों के चलते भारत की जीवाश्म ईंधन निर्भरता बनी हुई है।
भारत का जलवायु प्रदर्शन: चुनौतियों के बीच मजबूत पक्ष
| उपलब्धि | विवरण |
|---|---|
| गैर-जीवाश्म ऊर्जा क्षमता | भारत ने कुल स्थापित क्षमता का 50% (256 GW) गैर-जीवाश्म स्रोतों से प्राप्त किया — 2030 लक्ष्य पहले ही पूरा |
| नवीकरणीय ऊर्जा प्रगति | 2015–23 के बीच कुल ऊर्जा मिश्रण में 14% RE शेयर हासिल |
| BEE प्रोग्राम | 2006 से BEE लेबलिंग, 2012 से PAT मैकेनिज़्म |
| NDC उपलब्धि | भारत ने अपने NDC लक्ष्यों को समय से 5 वर्ष पहले प्राप्त कर लिया |
भारत की CCPI रैंकिंग ट्रेंड (2014–2025)
| वर्ष | रैंक | श्रेणी |
|---|---|---|
| 2014 | 31 | — |
| 2015 | 25 | — |
| 2016 | 20 | — |
| 2017 | 14 | — |
| 2018 | 11 | — |
| 2019 | 9 | High Performer |
| 2020 | 10 | High Performer |
| 2021 | 10 | High Performer |
| 2022 | 8 | High Performer |
| 2023 | 7 | High Performer |
| 2024 | 10 | High Performer |
| 2025 | 23 | Medium Performer |
2023 में 7वें स्थान तक पहुंचने के बाद 2025 में 23वें स्थान तक भारी गिरावट।
वैश्विक रैंकिंग: कौन है आगे?
महत्वपूर्ण: शीर्ष 3 स्थान खाली हैं—कोई देश 1.5°C लक्ष्य के अनुरूप नहीं।
शीर्ष प्रदर्शनकर्ता (Top 10)
डेनमार्क — 80.52
यूनाइटेड किंगडम — 70.8
मोरक्को — 70.75
चिली — 12
लक्ज़मबर्ग — 9
लिथुआनिया — 18
नीदरलैंड — 5
सबसे कमज़ोर प्रदर्शनकर्ता
सऊदी अरब — 11.9 (सबसे खराब)
ईरान — 14.33
USA — 21.84
रूस — बहुत कम
चीन — कम
भारत के लिए विशेषज्ञ सिफारिशें (CCPI 2026)
कोयला चरणबद्ध समाप्ति समयसीमा निर्धारित करें
“नो-न्यू-कोल डेट”
कोयला उत्पादन का शिखर वर्ष
फॉसिल सब्सिडी हटाकर सामुदायिक RE परियोजनाओं में निवेश करें
परिवहन, भवन, उद्योग के लिए बाध्यकारी रोडमैप
RE प्रोजेक्ट्स के लिए पर्यावरणीय सुरक्षा उपायों को मजबूत करें
2035–2040 के लिए राज्य-स्तरीय उत्सर्जन लक्ष्यों का निर्धारण
Just Transition योजना बनाएं (कोयला क्षेत्रों हेतु)
भारत बनाम G20 देश: तुलना
| देश | रैंक | स्कोर | स्थिति |
|---|---|---|---|
| भारत | 23 | 61.31 | Medium Performer |
| UK | 5 | 70.8 | High |
| चीन | 54 | — | Low |
| USA | 65 | 21.84 | Very Low |
| रूस | 64 | — | Very Low |
| सऊदी अरब | 67 | 11.9 | Worst |
भारत अब भी चीन, USA, रूस, सऊदी अरब से आगे है।
भारत के जलवायु संकेत: विरोधाभास
पॉज़िटिव संकेत
औपचारिक दीर्घकालिक जलवायु रणनीति
RE बोली प्रक्रिया में रिकॉर्ड भागीदारी
RE की कीमतें लगातार गिर रही हैं
ग्रीन फाइनेंस टैक्सोनॉमी
राष्ट्रीय कार्बन बाज़ार
नकारात्मक संकेत
नए कोयला ब्लॉक (जैसे: देओचा-पचामी, भारत का सबसे बड़ा)
GHG में बढ़ोतरी
2070 नेट-ज़ीरो लक्ष्य 1.5°C के अनुरूप नहीं
2035–2040 के बीच अंतरिम लक्ष्य अनुपस्थित
UPSC के लिए यह क्यों महत्वपूर्ण है?
Prelims
CCPI—अत्यंत महत्वपूर्ण वैश्विक इंडेक्स
रैंक: 23
स्कोर: 61.31
गिरावट: 13 स्थान
प्रमुख कारण: कोयला निकास समयसीमा का अभाव
Mains & Essay
“India’s Climate Action: Promise vs. Performance”
ऊर्जा सुरक्षा बनाम नवीकरणीय ऊर्जा
NDC, PAT, BEE, GHG ट्रेंड, नीति कार्यान्वयन
GS Paper 3
पर्यावरण व पारिस्थितिकी
जलवायु वित्त
भारत की ऊर्जा नीति
अंतरराष्ट्रीय जलवायु वार्ताएँ
Interview
COP30
CBDR सिद्धांत
भारत की जलवायु कूटनीति
मुख्य तथ्य (एक नजर में)
वर्तमान रैंक: 23
पिछली रैंक: 10
गिरावट: 13 स्थान
वर्तमान स्कोर: 61.31
श्रेणी: Medium Performer
सबसे बड़ा कारण: Coal Exit Timeline का अभाव
सबसे बड़ी उपलब्धि: 50% non-fossil capacity हासिल
UPSC के व्यापक विषयों से संबंध
SDG 13: Climate Action
ऊर्जा सुरक्षा बनाम पर्यावरण सुरक्षा
Global South में भारत की नेतृत्व भूमिका
Just Transition
संघीय संरचना—राज्यों की भूमिका
निष्कर्ष
CCPI 2026 में भारत का 23वें स्थान तक गिरना संकेत देता है कि केवल नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता बढ़ाने से जलवायु प्रदर्शन मजबूत नहीं माना जाएगा।
जब तक:
कोयला निकास समयसीमा
GHG में कमी
व्यापक नीति सुधार
नहीं किए जाते — भारत की जलवायु साख प्रश्नों में घिरी रहेगी।
UPSC के लिए यह विषय अनिवार्य है, क्योंकि यह भारत की ऊर्जा नीति, जलवायु कूटनीति, आर्थिक विकास व पर्यावरण संतुलन के जटिल संबंधों को समझने का उत्कृष्ट उदाहरण है।