भ्रूण प्रत्यारोपण का 'जीन-स्विच': भारतीय वैज्ञानिकों की बड़ी खोज | UPSC Current Affairs November 2025

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परिचय: एक क्रांतिकारी वैज्ञानिक उपलब्धि

नवंबर 2025 में भारतीय वैज्ञानिकों ने प्रजनन जीव विज्ञान के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण खोज की है। Indian Council of Medical Research (ICMR) के नेतृत्व में किए गए इस शोध ने गर्भावस्था की शुरुआत में होने वाली एक रहस्यमय प्रक्रिया को सुलझा दिया है। यह खोज बांझपन से जूझ रही महिलाओं के लिए नई आशा की किरण है और IVF (In Vitro Fertilization) की सफलता दर में सुधार की संभावना प्रदान करती है।​

मुख्य खोज: जीन स्विच की कार्यप्रणाली

HOXA10 और TWIST2: जीन का युग्म

इस अध्ययन में वैज्ञानिकों ने पाया कि HOXA10 और TWIST2 नामक दो जीन गर्भाशय की आंतरिक परत (endometrium) में एक 'आण्विक स्विच' की तरह काम करते हैं।​

HOXA10 जीन की भूमिका:

गर्भाशय की आंतरिक परत को सामान्य रूप से बंद और सुरक्षित रखता है

किले की दीवार की तरह कार्य करता है जो किसी भी बाहरी तत्व को प्रवेश से रोकता है​

TWIST2 जीन की भूमिका:

जब भ्रूण गर्भाशय की दीवार के संपर्क में आता है, तब HOXA10 अस्थायी रूप से उस स्थान पर "स्विच ऑफ" हो जाता है

इसके बाद TWIST2 "स्विच ऑन" होता है और गर्भाशय की कोशिकाओं को लचीला बनाता है

यह लचीलापन भ्रूण को प्रत्यारोपित (implant) होने का मार्ग प्रदान करता है​

अनुसंधान की विशेषताएं

सहयोगी संस्थान

यह अध्ययन तीन प्रमुख भारतीय संस्थानों के सहयोग से पूरा हुआ:​

ICMR-National Institute for Research in Reproductive and Child Health (ICMR-NIRRCH), Mumbai - मुख्य शोध संस्थान

Banaras Hindu University (BHU), Varanasi - आणविक जीव विज्ञान विशेषज्ञता

Indian Institute of Science (IISc), Bengaluru - गणितीय मॉडलिंग और जीनोमिक्स

प्रमुख शोधकर्ता

Nancy Ashary - मुख्य लेखक (Lead Author)​

Dr. Deepak Modi - ICMR-NIRRCH के वैज्ञानिक और संबंधित लेखक (Corresponding Author)​

Dr. Mohit Jolly - IISc Bengaluru से गणितीय मॉडलिंग विशेषज्ञ​

Dr. Geetanjali Sachdeva - ICMR-NIRRCH की निदेशक​

प्रकाशन विवरण

यह शोध 10 नवंबर 2025 को अंतर्राष्ट्रीय पत्रिका Cell Death Discovery में प्रकाशित हुआ। यह Nature Publishing Group की एक प्रतिष्ठित, peer-reviewed, open access पत्रिका है।​

वैज्ञानिक प्रक्रिया: आंशिक एपिथीलियल-टू-मेसेनकाइमल ट्रांजिशन (pEMT)

जीन स्विच कैसे काम करता है?

शोधकर्ताओं ने पाया कि यह प्रक्रिया Partial Epithelial-to-Mesenchymal Transition (pEMT) के माध्यम से संचालित होती है:​

सामान्य स्थिति में: HOXA10 एपिथीलियल (उपकला) कोशिकाओं की पहचान बनाए रखता है और मेसेनकाइमल प्रोग्राम को दबाता है

भ्रूण के संपर्क पर: HOXA10 का स्तर कम होता है (downregulation)

TWIST2 की सक्रियता: TWIST2 मेसेनकाइमल जीन अभिव्यक्ति को बढ़ावा देता है और कोशिकाओं में गतिशीलता लाता है

परिणाम: गर्भाशय की कोशिकाएं थोड़ा विस्थापित होती हैं, जिससे भ्रूण के लिए "द्वार" खुल जाता है​

प्रयोगात्मक साक्ष्य

पशु मॉडल में सत्यापन

इस जीन स्विच की उपस्थिति विभिन्न स्तनधारी प्रजातियों में देखी गई है:​

चूहे (Mice)

हैम्स्टर (Hamsters)

बंदर (Monkeys)

मानव ऊतक (Human tissues)

यह साबित करता है कि यह एक विकासवादी रूप से संरक्षित तंत्र (evolutionarily conserved mechanism) है जो लाखों वर्षों से स्तनधारियों में मौजूद है।​

TWIST2 अवरोधन प्रयोग

शोधकर्ताओं ने चूहों में TWIST2 को अवरुद्ध (block) करने का प्रयोग किया। परिणाम चौंकाने वाला था:​

गर्भाशय की परत पूरी तरह बंद रही

भ्रूण प्रत्यारोपित नहीं हो सके

चूहे गर्भवती नहीं हुईं

यह प्रयोग यह साबित करता है कि यह जीन स्विच प्रजनन के लिए अपरिहार्य है।​

IVF और बांझपन उपचार में महत्व

प्रत्यारोपण विफलता का कारण

Dr. Geetanjali Sachdeva के अनुसार, "इस जैविक स्विच को समझने से यह स्पष्ट होगा कि स्वस्थ भ्रूण होने के बावजूद कुछ महिलाओं को बार-बार प्रत्यारोपण विफलता या बहुत प्रारंभिक गर्भावस्था हानि का सामना क्यों करना पड़ता है"।​

संतुलन का महत्व

गर्भाशय की दीवार का खुलना एक नाजुक संतुलन है:​

बहुत कम खुलना: भ्रूण प्रत्यारोपित नहीं हो सकता

बहुत अधिक खुलना: गर्भावस्था बनाए नहीं रखी जा सकती

HOXA10 और TWIST2 के बीच संतुलन को नियंत्रित करना भविष्य में IVF की सफलता दर बढ़ा सकता है।​

भारत में IVF सफलता दर

वर्तमान में भारत में IVF की सफलता दर:​

35 वर्ष से कम आयु: 50-60% प्रति चक्र

35-37 वर्ष: 40-50%

38-40 वर्ष: 30-40%

40 वर्ष से अधिक: 10-20%

इस खोज से इन दरों में सुधार की उम्मीद है, विशेष रूप से उन मामलों में जहां स्वस्थ भ्रूण होने के बावजूद प्रत्यारोपण विफल हो रहा है।​

भविष्य की संभावनाएं

नैदानिक अनुप्रयोग

Dr. Deepak Modi ने बताया कि भविष्य में:​

गर्भाशय से कोशिका उत्सर्जन (endometrial sampling) के माध्यम से इन जीनों की स्थिति की जांच की जा सकती है

यह निर्धारित किया जा सकता है कि गर्भाशय भ्रूण प्रत्यारोपण के लिए तैयार है या नहीं

चिकित्सीय विकल्प

वैज्ञानिक इन जीनों को नियंत्रित करने वाले अणुओं (molecules) या दवाओं को विकसित करने की दिशा में काम कर रहे हैं। इससे:​

बार-बार IVF असफलता झेलने वाली महिलाओं के लिए बेहतर विकल्प उपलब्ध होंगे

व्यक्तिगत और अधिक प्रभावी उपचार संभव होंगे​

शोध की अवधि

यह शोध आठ वर्षों की लंबी अवधि में पूरा हुआ। मुख्य चुनौती मानव गर्भाशय के ऊतकों को प्रत्यारोपण की सटीक अवस्था में प्राप्त करना था, क्योंकि यह बहुत छोटी समयावधि (implantation window) होती है।​

परीक्षा उपयोगी मुख्य बिंदु

तथ्य एक नजर में

खोज का नाम: भ्रूण प्रत्यारोपण का जीन स्विच (Genetic Switch for Embryo Implantation)

प्रमुख जीन:

HOXA10 (गर्भाशय को बंद रखता है)

TWIST2 (गर्भाशय को खोलता है)

अध्ययन संस्थान:

ICMR-NIRRCH, Mumbai

Banaras Hindu University (BHU), Varanasi

Indian Institute of Science (IISc), Bengaluru

प्रकाशन:

पत्रिका: Cell Death Discovery (Nature Group)

तिथि: 10 नवंबर 2025

सत्यापित प्रजातियां: चूहे, हैम्स्टर, बंदर, मानव

संभावित अनुप्रयोग:

IVF सफलता दर में सुधार

बार-बार गर्भपात की रोकथाम

बांझपन उपचार में प्रगति

UPSC और प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए महत्व

विज्ञान और प्रौद्योगिकी सेक्शन

यह खोज UPSC Prelims और Mains दोनों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है क्योंकि:​

Prelims के लिए:

जैव प्रौद्योगिकी (Biotechnology) विषय के अंतर्गत आता है

आनुवंशिकी और आणविक जीव विज्ञान की बुनियादी समझ की आवश्यकता

ICMR जैसी राष्ट्रीय संस्थाओं की भूमिका

हाल की वैज्ञानिक उपलब्धियों पर प्रश्न

Mains के लिए:

GS-III (Science and Technology) में वर्तमान विकास

स्वास्थ्य क्षेत्र में भारतीय वैज्ञानिक योगदान

महिला स्वास्थ्य और प्रजनन अधिकार से संबंध

Essay Paper में स्वास्थ्य, विज्ञान और समाज के विषयों के लिए उपयोगी

संभावित प्रश्न प्रकार

MCQ उदाहरण:

HOXA10 और TWIST2 जीन किस प्रक्रिया से संबंधित हैं?

ICMR-NIRRCH संस्थान किस शहर में स्थित है?

Cell Death Discovery पत्रिका किस प्रकाशन समूह से संबंधित है?

Mains उत्तर लेखन:

"भारतीय चिकित्सा अनुसंधान में हालिया उपलब्धियों का विश्लेषण करें"

"प्रजनन स्वास्थ्य में जैव प्रौद्योगिकी की भूमिका"

"महिला स्वास्थ्य सेवाओं में वैज्ञानिक नवाचार"

अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए

यह विषय उपयोगी है:​

राज्य PCS परीक्षाएं

SSC CGL (General Awareness)

Railway Exams

Banking Exams (Current Affairs)

NDA/CDS (General Science)

अंतर्राष्ट्रीय संदर्भ और तुलना

वैश्विक प्रजनन अनुसंधान

यह खोज अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर महत्वपूर्ण है क्योंकि:​

विश्व भर में लाखों जोड़े बांझपन से जूझ रहे हैं

IVF एक महंगा और भावनात्मक रूप से कठिन उपचार है

प्रत्यारोपण विफलता एक प्रमुख समस्या है

भारत की वैज्ञानिक प्रतिष्ठा

इस प्रकार के शोध से:​

भारत की अनुसंधान क्षमताओं को अंतर्राष्ट्रीय मान्यता मिलती है

भारतीय संस्थानों का सहयोगात्मक मॉडल प्रभावी साबित होता है

विज्ञान कूटनीति (Science Diplomacy) में योगदान

स्वास्थ्य नीति और सामाजिक प्रभाव

राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राथमिकताएं

यह खोज भारत सरकार के निम्नलिखित उद्देश्यों से जुड़ी है:

मातृ मृत्यु दर में कमी

शिशु मृत्यु दर में कमी

प्रजनन स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार

राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के लक्ष्य​

सामाजिक-आर्थिक लाभ

संभावित प्रभाव:

IVF उपचार की लागत में कमी

उपचार के कम चक्रों की आवश्यकता

बेहतर परिणामों से भावनात्मक तनाव में कमी

अधिक जोड़ों के लिए पितृत्व/मातृत्व की संभावना

विशेषज्ञों के विचार

Dr. Deepak Modi (ICMR-NIRRCH):
"गर्भाशय में एक जीन को बंद होना चाहिए और दूसरे को चालू होना चाहिए। जब गर्भाशय की दीवार को सुरक्षित रहना है, तब HOXA10 चालू रहता है। लेकिन जब भ्रूण आता है, तब HOXA10 उस स्थान पर बंद हो जाना चाहिए, और TWIST2 को चालू होकर द्वार खोलना चाहिए"।​

Nancy Ashary (Lead Author):
"गर्भाशय की आंतरिक परत एक किले की दीवार की तरह है - मजबूत, सुरक्षात्मक, और सामान्य रूप से बंद। प्रत्यारोपण के सफल होने के लिए, इस दीवार को संक्षिप्त रूप से एक छोटा द्वार ठीक उस स्थान पर खोलना होगा जहां भ्रूण पहुंचता है"।​

Dr. Geetanjali Sachdeva (Director, ICMR-NIRRCH):
"इस जैविक स्विच को समझना यह समझाएगा कि कुछ महिलाएं स्वस्थ भ्रूण होने के बावजूद बार-बार प्रत्यारोपण विफलता या बहुत प्रारंभिक गर्भावस्था हानि का सामना क्यों करती हैं"।​

आपकी परीक्षा तैयारी के लिए यह क्यों महत्वपूर्ण है

समसामयिक प्रासंगिकता

2025 के Current Affairs के रूप में:

यह नवंबर 2025 की प्रमुख वैज्ञानिक खबर है

भारतीय संस्थानों की उपलब्धि को उजागर करता है

अंतर्राष्ट्रीय पत्रिका में प्रकाशन

बहु-विषयक दृष्टिकोण

यह विषय निम्नलिखित क्षेत्रों को जोड़ता है:

विज्ञान: आनुवंशिकी, आणविक जीव विज्ञान, जैव प्रौद्योगिकी

स्वास्थ्य: IVF, बांझपन उपचार, महिला स्वास्थ्य

अनुसंधान: ICMR, विश्वविद्यालयों की भूमिका

समाज: परिवार नियोजन, जनसंख्या स्वास्थ्य

उत्तर लेखन में उपयोग

Mains Answer में कैसे शामिल करें:

परिचय: "हाल ही में भारतीय वैज्ञानिकों ने भ्रूण प्रत्यारोपण के तंत्र को समझने में महत्वपूर्ण प्रगति की है..."

मुख्य भाग: "HOXA10 और TWIST2 जीनों की खोज से IVF की सफलता दर में सुधार की संभावना..."

निष्कर्ष: "यह उपलब्धि भारत की वैज्ञानिक क्षमता और महिला स्वास्थ्य के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाती है..."

याद रखने की तकनीक (Mnemonics)

"HO-TWIST IVF"

HO = HOXA10 (बंद रखता है)

TWIST = TWIST2 (खोलता है)

IVF = अनुप्रयोग क्षेत्र

"MIB संस्थान"

M = Mumbai (ICMR-NIRRCH)

I = IISc Bengaluru

B = BHU Varanasi

निष्कर्ष

भारतीय वैज्ञानिकों द्वारा की गई यह खोज प्रजनन जीव विज्ञान में एक मील का पत्थर है। HOXA10 और TWIST2 जीनों के बीच के इस जटिल संतुलन को समझना न केवल बांझपन से जूझ रहे लाखों जोड़ों के लिए आशा की किरण है, बल्कि यह भारतीय वैज्ञानिक समुदाय की अनुसंधान क्षमता को भी रेखांकित करता है।​

UPSC और अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे अभ्यर्थियों के लिए, यह विषय विज्ञान और प्रौद्योगिकी खंड में अत्यंत महत्वपूर्ण है। यह न केवल तथ्यात्मक ज्ञान प्रदान करता है, बल्कि स्वास्थ्य नीति, वैज्ञानिक अनुसंधान और सामाजिक कल्याण के बीच संबंध को समझने में भी मदद करता है।​

भविष्य में, जब इन जीनों को नियंत्रित करने वाली दवाएं विकसित होंगी, तब IVF का उपचार अधिक व्यक्तिगत, प्रभावी और सफल हो सकेगा। यह खोज वैज्ञानिक अनुसंधान की शक्ति और मानव जीवन की गुणवत्ता में सुधार लाने की उसकी क्षमता का एक उत्कृष्ट उदाहरण है।​

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