भारतीय नौसेना ने उन्नत स्टील्थ फ्रिगेट्स आईएनएस उदयगिरि और आईएनएस हिमगिरी को शामिल किया: करेंट अफेयर्स 27 अगस्त 2025

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आईएनएस उदयगिरि और आईएनएस हिमगिरी के प्रमुख फीचर्स

प्रोजेक्ट 17A नीलगिरी-क्लास वॉरशिप्स:

लंबाई: 149 मीटर

विस्थापन: 6,670 टन

गति: 28 नॉट से अधिक

क्रू सदस्यों की संख्या: लगभग 200

अत्याधुनिक स्टील्थ तकनीक, जो दुश्मन के राडार, इन्फ्रारेड और ध्वनि सेंसर को रोकती है।

अभिनव हथियार प्रणाली:

ब्रह्मोस सुपरसोनिक मिसाइल — 290 किलोमीटर से अधिक दायरे पर लक्ष्य को मारने में सक्षम

बराक-8 लांग रेंज सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल प्रणाली, भारत-इज़राइल सहयोग से विकसित

एंटी-सबमरीन टॉरपीडो

76 मिमी सुपर रैपिड गन माउंट सतह युद्ध के लिए

एकीकृत कॉम्बैट मैनेजमेंट सिस्टम युद्ध संचालन के लिए

स्वदेशी निर्माण और आत्मनिर्भर भारत

आईएनएस हिमगिरी को कोलकाता के गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स (GRSE) ने निर्मित किया

आईएनएस उदयगिरि को मुंबई के मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड (MDL) ने निर्मित किया

लगभग 75% स्वदेशी सामग्री का उपयोग

₹45,000 करोड़ के प्रोजेक्ट 17A कार्यक्रम का हिस्सा

रक्षा मंत्री ने कहा कि भविष्य के सभी युद्धपोत भारत में ही बनाए जाएंगे

इंडो-पैसिफिक सुरक्षा में रणनीतिक महत्व

हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन के नौसैनिक विस्तार का मुकाबला

महत्वपूर्ण समुद्री मार्गों की सुरक्षा, जिनसे 60% वैश्विक समुद्री व्यापार गुजरता है

भारत की एक नेट सुरक्षा प्रदाता के रूप में स्थिति को मजबूत करना

संभावित समुद्री खतरों के विरुद्ध प्रभावशाली निरोध क्षमता बढ़ाना

क्षेत्रीय सुरक्षा संरचना

ये युद्धपोत निम्नलिखित महत्वपूर्ण भूमिकाएं निभाएंगे:

अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया के साथ क्वाड समुद्री सहयोग अभ्यास

अरब सागर और हिंद महासागर में समुद्री डकैती विरोधी अभियान

मानवीय सहायता और आपदा राहत मिशन

अंतरराष्ट्रीय जल क्षेत्रों में नेविगेशन की स्वतंत्रता का समर्थन

प्रोजेक्ट 17A: पूरा बेड़ा स्थिति

सात अत्याधुनिक फ्रिगेट्स शामिल हैं

कमीशन किए गए जहाज़: आईएनएस नीलगिरी (अप्रैल 2023), आईएनएस उदयगिरि (अगस्त 2025), आईएनएस हिमगिरी (अगस्त 2025)

चार और जहाज़ विभिन्न निर्माण चरणों में, 2027-28 तक कमीशन होने की योजना

तकनीक और नवाचार

स्टील्थ क्षमताएं:

कोणीय डिजाइन से राडार क्रॉस सेक्शन कम

इन्फ्रारेड सिग्नेचर दबाव प्रणाली

उपसैगमी पहचान से बचाव के लिए ध्वनिक दबाव

उच्च तकनीकी इलेक्ट्रॉनिक युद्ध प्रणाली

कॉम्बैट मैनेजमेंट सिस्टम:

वास्तविक समय खतरा आकलन और प्रतिक्रिया

बहु-प्लेटफ़ॉर्म समन्वय

संवेदनशीलता प्रणाली का उन्नत एकीकरण

नेटवर्क-केंद्रित युद्ध प्रणाली

आपकी परीक्षा की तैयारी के लिए क्यों महत्वपूर्ण है?

यह विषय यूपीएससी और अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है, क्योंकि:

भारत की स्वदेशी रक्षा क्षमताओं और आत्मनिर्भर भारत पहल को समझना

ब्रह्मोस व बराक-8 मिसाइल जैसी अत्याधुनिक हथियार प्रणालियों का ज्ञान

इंडो-पैसिफ़िक क्षेत्र में भारत की समुद्री सुरक्षा चुनौतियाँ

भारत-इज़राइल रक्षा साझेदारी और क्वाड सहयोग

भारतीय महासागर क्षेत्र की रणनीतिक महत्ता

भारतीय नौसेना की नीलगिरी-क्लास फ्रिगेट्स की भूमिका

रक्षा बजट, मेक इन इंडिया और तकनीकी नवाचारों का समेकित अध्ययन

निबंध, नीति विश्लेषण और नैतिकता में स्वदेशी नवाचार और रणनीतिक स्वायत्तता के उदाहरण