भारत-ब्रिटेन मुक्त व्यापार समझौता हस्ताक्षरित: करंट अफेयर्स डेली जीके अपडेट 23 जुलाई 2025 | UPSC प्रतियोगी परीक्षा खबर

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भारत और ब्रिटेन के बीच ऐतिहासिक मुक्त व्यापार समझौते (FTA) को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मंजूरी दे दी है, जो दोनों प्रमुख लोकतांत्रिक देशों के बीच आर्थिक संबंधों में मील का पत्थर साबित होगा। यह व्यापक व्यापार समझौता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 24 जुलाई 2025 को लंदन यात्रा के दौरान आधिकारिक रूप से हस्ताक्षरित किया जाएगा।

मंत्रिमंडल की मंजूरी और हस्ताक्षर की जानकारी

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 22 जुलाई 2025 को भारत-ब्रिटेन मुक्त व्यापार समझौते को मंजूरी दे दी। इस समझौते पर साइन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लंदन यात्रा के दौरान (24 जुलाई, 2025) किए जाएंगे। इस दौरान वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल भी उनके साथ होंगे।

यह समझौता कंप्रीहेंसिव इकोनॉमिक एंड ट्रेड एग्रीमेंट (CETA) के रूप में जाना जाएगा और यह भारत का 16वां मुक्त व्यापार समझौता है। वहीं, यह ब्रेग्ज़िट के बाद ब्रिटेन का अब तक का सबसे बड़ा द्विपक्षीय सौदा होगा।

भारत-ब्रिटेन FTA की प्रमुख विशेषताएँ

टैरिफ खत्म करना और बाजार पहुंच

यह मुक्त व्यापार समझौता दोनों देशों के उत्पादों और सेवाओं को नए बाजार देगा:

भारत को ब्रिटिश बाजार में 99% उत्पादों के लिए शून्य शुल्क (ड्यूटी-फ्री) का लाभ मिलेगा, विशेष रूप से इन क्षेत्रों में:

वस्त्र और परिधान

चमड़ा और जूते

रत्न और आभूषण

समुद्री उत्पाद

ऑटो पार्ट्स

खेल सामग्री

ब्रिटेन से आने वाले 90% उत्पादों पर भारत टैरिफ घटाएगा, और अगले 10 वर्षों में 85% उत्पादों पर शून्य शुल्क हो जाएगा:

स्कॉच व्हिस्की और जिन पर आयात शुल्क 150% से घटाकर तत्काल 75% किया जाएगा और धीरे-धीरे 10 वर्षों में 40% तक लाया जाएगा।

लक्ज़री कारों के आयात पर शुल्क 100% से घटकर 10% तक आ जाएगा (कोटा व्यवस्था के तहत)

दवाइयाँ, सौंदर्य प्रसाधन, मछली उत्पाद, चॉकलेट और बिस्किट्स पर भी शुल्क में कटौती होगी।

पेशेवरों की आवाजाही और सेवाएँ

भारतीय पेशेवरों, जैसे आईटी विशेषज्ञ, योग प्रशिक्षक, शेफ और संगीतकार, को ब्रिटेन में अस्थायी रूप से काम करने के लिए वीज़ा और सुविधाएं मिलेंगी।

ब्रिटेन में काम कर रहे भारतीयों को तीन वर्षों तक सामाजिक सुरक्षा में योगदान से छूट मिलेगी, जिससे भारतीय कंपनियों और कर्मचारियों को लगभग ₹4,000 करोड़ की बचत होगी।

सेवाओं के क्षेत्र में भी बड़े लाभ:

IT/ITES, वित्तीय सेवाएं, शिक्षा और पेशेवर सेवाएँ

सरकारी खरीद (Government Procurement)

ब्रिटेन की कंपनियों को भारत की सार्वजनिक खरीद प्रणाली में भाग लेने की अनुमति दी जाएगी।

अनुमानित £38 बिलियन की खरीद क्षमता वाले 40,000 से अधिक टेंडर हर वर्ष भारत में उपलब्ध होंगे।

आर्थिक प्रभाव और व्यापार अनुमान

व्यापार वृद्धि का लक्ष्य

इस समझौते से भारत-ब्रिटेन द्विपक्षीय व्यापार को 2025 के $60 बिलियन से बढ़ाकर 2030 तक $120 बिलियन तक पहुंचाने का लक्ष्य है।

2024-25 का व्यापारिक आँकड़ा:

भारत का ब्रिटेन को निर्यात: $14.5 बिलियन (12.6% वृद्धि)

ब्रिटेन का भारत को निर्यात: $8.6 बिलियन (2.3% वृद्धि)

कुल व्यापार साल 2023-24: $21.34 बिलियन

जीडीपी और निवेश में वृद्धि

ब्रिटेन सरकार का अनुमान: यह समझौता 2040 तक ब्रिटिश अर्थव्यवस्था को सालाना £4.8 बिलियन का फायदा देगा।

भारत को ब्रिटेन के $815 बिलियन के आयात बाजार तक व्यापक पहुंच मिलेगी।

पीएम मोदी की चार दिवसीय विदेश यात्रा

ब्रिटेन यात्रा (23-24 जुलाई)

ब्रिटिश प्रधानमंत्री कीर स्टारमर से द्विपक्षीय वार्ता

व्यापार, रक्षा, जलवायु और शिक्षा पर सहयोग

किंग चार्ल्स III से मिलने की संभावना

भारतीय समुदाय व उद्योगपतियों से बातचीत

मालदीव यात्रा (25-26 जुलाई)

मालदीव की स्वतंत्रता के 60 वर्ष पूरे होने के मौके पर मुख्य अतिथि

India's ‘Neighbourhood First’ और ‘Mahasagar’ नीति के तहत संबंधों को नई दिशा दी जाएगी

आर्थिक सहयोग, समुद्री सुरक्षा समझौते पर बातचीत

भारतीय उद्योगों को होगा अधिक लाभ

क्षेत्रवर्तमान ब्रिटिश करFTA के बाद लाभप्रमुख कंपनियाँ
वस्त्र4-16%शून्य शुल्कवेलस्पन, अरविंद, रेडिमंड
जूते4-16%शून्य शुल्कबाटा, रिलैक्सो
ऑटो पार्ट्समापनीयकोटा के तहत छूटटाटा मोटर्स, महिंद्रा
गहने4% तकशून्य शुल्कनिर्यातक
इंजीनियरिंग8-14%शून्य शुल्कभारत फोर्ज

 

ब्रिटिश उत्पादों को भारत में लाभ

स्कॉच व्हिस्की और प्रीमियम शराब निर्यात में भारी वृद्धि

ब्रिटिश कार निर्माता (जैसे Jaguar, Aston Martin) अब भारतीय बाजार में अधिक प्रतिस्पर्धी

चॉकलेट, कॉस्मेटिक्स और दवाइयाँ – शुल्क में कमी से विदेशी निवेश बढ़ेगा

डबल कंट्रीब्यूशन कन्वेंशन समझौता (DCC)

FTA के साथ ही, दोनों देशों ने एक सामाजिक सुरक्षा समझौते पर भी समझौता किया है, जिससे कर्मचारियों को एक ही समय में सिर्फ एक देश में योगदान देना पड़ेगा। 3 साल तक अस्थायी नियुक्तियों पर सामाजिक सुरक्षा से छूट रहेगी।

भूराजनीतिक दृष्टिकोण और रणनीतिक महत्व

ब्रेग्ज़िट के बाद ब्रिटेन की वैश्विक रणनीति

यह समझौता ब्रिटेन की यूरोपीय संघ से बाहर निकलने के बाद भारत को रणनीतिक भागीदार के रूप में स्थापित करता है।

भारत के लिए वैश्विक अवसर

RCEP का हिस्सा न बन पाने के बाद भारत का यह कदम वैश्विक व्यापार में अग्रणी भूमिका दर्शाता है।

यह समझौता यूरोपीय संघ, अमेरिका जैसे देशों से भविष्य के समझौतों के लिए मॉडल बन सकता है।

चीन-प्लस-वन रणनीति

वैश्विक कंपनियाँ चीन पर निर्भरता घटाकर भारत में निवेश कर रही हैं।

यह समझौता भारत को वैकल्पिक मैन्युफैक्चरिंग और सेवा हब बनाने में मदद करेगा।

आगे की प्रक्रिया

समझौते की पूर्ण अमलवाही दोनों देशों की संसद में अनुमोदन (ratification) के बाद होगी, जो अगले 12 महीनों में संभव है। शुरुआत में कुछ उत्पादों को तुरंत लाभ मिलेगा, जबकि अन्य को आगामी 10 वर्षों में चरणबद्ध तरीके से

द्विपक्षीय मुद्दों पर वार्ता

भारत ब्रिटेन में खालिस्तानी गतिविधियों को लेकर गंभीर चिंता जताएगा।

भगोड़ों के प्रत्यर्पण पर भी चर्चा होगी (उदाहरण: विजय माल्या, नीरव मोदी आदि)।

💡 यह खबर आपके परीक्षा की तैयारी के लिए क्यों महत्वपूर्ण है

यह विकास विभिन्न परीक्षाओं में आपके लिए बहु-आयामी रूप से उपयोगी हो सकता है:

1. अंतरराष्ट्रीय संबंध (GS Paper 2)

भारत की व्यापार कूटनीति और रणनीतिक साझेदारियों की समझ

‘कॉम्प्रिहेंसिव स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप’ की भूमिका

2. अर्थव्यवस्था (GS Paper 3)

टैरिफ, FTA, सेवा व्यापार, सामाजिक सुरक्षा समझौते जैसे विषयों के लिए महत्वपूर्ण प्राथमिक जानकारी

व्यापार वृद्धि से GDP पर प्रभाव और विदेशी निवेश की स्थिति

3. निबंध और साक्षात्कार

भारत की वैश्विक स्थिति, चीन-प्लस-वन रणनीति, ब्रेग्जिट पहलुओं को जोड़कर बहुआयामी विश्लेषण

‘Protectionism vs Free Trade’ विषयों पर उदाहरण

4. सामयिक घटनाएँ (Current Affairs)

UPSC प्रीलिम्स के लिए संभावित तथ्य:

भारत का कौन सा 16वां FTA?

UK के साथ किन क्षेत्रों में शुल्क घटाया गया?

DCC समझौते के अंतर्गत कौन सा फायदा?

5. वैकल्पिक विषयों के लिए उपयोगी

अंतरराष्ट्रीय संबंध, लोक प्रशासन, राजनीति शास्त्र आदि विषयों में इस घटना का विश्लेषण परीक्षोपयोगी हो सकता है।