भारत ने रक्षा प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है। देश ने दुनिया का पहला ड्यूल स्टेल्थ ड्रोन विकसित किया है, जो उन्नत स्वदेशी RAMA (Radar Absorption and Multispectral Adaptive) कोटिंग से लैस है। यह अभूतपूर्व तकनीक भारत को सैन्य आत्मनिर्भरता की दिशा में एक महत्वपूर्ण स्थान दिलाती है और देश को अमेरिका, चीन व रूस जैसे शक्तिशाली राष्ट्रों की कतार में खड़ा करती है।
RAMA तकनीक: अगली पीढ़ी की स्टेल्थ क्रांति
RAMA तकनीक पारंपरिक स्टेल्थ प्रणालियों की तुलना में अत्यधिक उन्नत है। जहां अन्य ड्रोन केवल राडार से छिपने की क्षमता रखते हैं, वहीं RAMA तकनीक वाला यह ड्रोन दोहरी स्टेल्थ सुविधा प्रदान करता है — यानी, यह दुश्मन के राडार और इंफ्रारेड दोनों से खुद को छुपा सकता है।
यह नैनो-टेक्नोलॉजी आधारित कोटिंग है जो ड्रोन पर पेंट या फिल्म की तरह लगाई जाती है।
इस कार्बन आधारित मिश्रण में राडार तरंगों को अवशोषित करके उन्हें ऊष्मा में परिवर्तित करने की क्षमता है।
यह तापीय संकेतकों को प्रति सेकंड 1.5 डिग्री सेल्सियस तक कम कर देता है।
RAMA तकनीक दुश्मन की निगरानी प्रणालियों से 97% तक छुपाव सुनिश्चित करती है।
रक्षा क्षेत्र में निजी-सरकारी सहयोग
इस अत्याधुनिक ड्यूल स्टेल्थ ड्रोन को हैदराबाद की स्टार्टअप कंपनियों — वीरा डायनामिक्स और बिनफोर्ड रिसर्च लैब्स — द्वारा रक्षा मंत्रालय के सहयोग से विकसित किया जा रहा है।
वीरा डायनामिक्स के सीईओ साई तेजा पेद्दिनेनी के अनुसार RAMA सिर्फ एक कोटिंग नहीं, बल्कि "प्लेटफॉर्म-स्तरीय अपारदर्शिता (invisibility)" की रणनीति है।
बिनफोर्ड लैब्स, जिसे IDEX (Innovations for Defence Excellence) के तहत तीन रक्षा पुरस्कार मिल चुके हैं, पहले ही भारतीय सेना, नौसेना और वायुसेना को कई ड्रोन प्लेटफ़ॉर्म उपलब्ध करा चुकी है।
टेक्निकल विशेषताएँ और क्षमता
ड्यूल स्टेल्थ ड्रोन की कुछ प्रमुख तकनीकी खूबियाँ निम्नलिखित हैं:
❖ पेलोड क्षमता: 50 किलोग्राम
❖ ड्रोन का वजन: 100 किलोग्राम
❖ मारक दूरी: 100 किलोमीटर तक लक्ष्य भेदन की क्षमता
❖ सफल लक्ष्य भेदन दर: नई तकनीक से 80–85% ड्रोन लक्ष्य तक पहुंच सकते हैं (पहले यह दर 25–30% थी)
❖ स्टेल्थ दक्षता: राडार एवं इंफ्रारेड सिग्नल्स को 97% तक बेअसर करने की क्षमता
ड्रोन प्रणाली में स्वायत्त (autonomous) नेविगेशन, स्वार्म तकनीक, और GPS के बिना संचालन की क्षमता शामिल होगी।
वैश्विक परिप्रेक्ष्य में भारत की स्थिति
दुनिया में सिर्फ अमेरिका, चीन, और रूस के पास स्टेल्थ ड्रोन तकनीक है — और वह भी मात्र राडार से छुपाने वाली। भारत का यह नया ड्यूल स्टेल्थ ड्रोन दुनिया में अपनी तरह का पहला है, जो राडार और इंफ्रारेड दोनों को चकमा दे सकता है।
वर्तमान में तुर्की, इज़राइल और ईरान भी एडवांस ड्रोन बना रहे हैं, लेकिन भारत की RAMA तकनीक उन्हें मात देती है।
ऑपरेशन सिंदूर: तकनीकि श्रेष्ठता का प्रमाण
मई 2025 में पाकिस्तान के खिलाफ हुए ऑपरेशन सिंदूर में भारत ने अपनी आधुनिक वायु रक्षा प्रणाली की ताकत दिखाई।
भारत के मल्टी-लेयर एयर डिफेंस नेटवर्क (जिसमें S-400, आकाशतीर, और काउंटर-UAS ग्रिड शामिल हैं) ने दुश्मन के ड्रोन व मिसाइल हमलों को पूरी तरह नाकाम किया।
इस मिशन ने आधुनिक युद्ध में ड्रोन तकनीक के महत्व को रेखांकित किया और RAMA से लैस ड्यूल स्टेल्थ ड्रोन की उपयोगिता को और प्रासंगिक बना दिया है।
उत्पादन और डिलीवरी टाइमलाइन
❖ तकनीक का विकास: एक वर्ष में पूर्ण रूप से विकसित
❖ सप्ताह में दो बार टेस्टिंग: बेहतर सटीकता के लिए
❖ सेना में शामिल करने का लक्ष्य: 2025 के अंत तक भारतीय नौसेना को सौंपा जा सकता है
❖ बातचीत जारी: रक्षा मंत्रालय और भारतीय नौसेना के बीच मूल्य और संख्या को लेकर बातचीत जारी है
आत्मनिर्भर भारत और रक्षा क्षेत्र की दिशा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘आत्मनिर्भर भारत’ अभियान के तहत भारत का रक्षा क्षेत्र लगातार प्रगति कर रहा है। 2025 को रक्षा मंत्रालय ने 'सुधारों का वर्ष' घोषित किया है।
भारत के रक्षा निर्यात 2023-24 में ₹21,083 करोड़ तक पहुंच चुके हैं
2025 तक ₹35,000 करोड़ के लक्ष्य की ओर बढ़ रहा है
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, मशीन लर्निंग, और हाइपरसोनिक जैसी तकनीकों पर भी कार्य जारी है
✦ परीक्षा की दृष्टि से क्यों है यह समाचार महत्वपूर्ण?
यह समाचार UPSC और अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं में कई दृष्टिकोणों से प्रासंगिक है:
🔹 विज्ञान और प्रौद्योगिकी (Science & Tech)
RAMA कोटिंग जैसी उन्नत नैनो टेक्नोलॉजी और स्टेल्थ तकनीक UPSC की साइंस एंड टेक्नोलॉजी सेक्शन के लिए अत्यंत आवश्यक है।
🔹 अंतर्राष्ट्रीय संबंध (International Relations)
यह खबर भारत की सामरिक स्थिति को वैश्विक शक्तियों के समकक्ष रखती है।
भारत की सुरक्षा तैयारी और सैन्य नीति से संबंधित प्रश्नों के लिए उपयोगी।
🔹 सुरक्षा व आंतरिक नीति (Internal Security & Defence)
ऑपरेशन सिंदूर और RAMA तकनीकी भारत की रक्षा क्षमताओं को दर्शाते हैं।
🔹 अर्थव्यवस्था व नीतियाँ (Policy and Economy)
यह Make in India और रक्षा क्षेत्र के निजी-सरकारी सहयोग का अच्छा उदाहरण है।
📌 मुख्य तथ्य याद रखें:
RAMA का पूरा नाम: Radar Absorption and Multispectral Adaptive
स्टेल्थ क्षमता: राडार व इंफ्रारेड से 97% तक छुपाव
निर्माता: वीरा डायनामिक्स और बिनफोर्ड रिसर्च लैब्स
पहला ड्यूल स्टेल्थ ड्रोन — दुनिया में अपने तरह का एकमात्र
अपेक्षित डिलीवरी: वर्ष 2025 के अंत तक
आत्मनिर्भर भारत के तहत स्वदेशी रक्षा प्रौद्योगिकी का उदाहरण
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