ग्लोबल जेंडर गैप रिपोर्ट 2025: भारत की रैंकिंग, मुख्य बिंदु और परीक्षा के लिए महत्व
वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम (WEF) ने अपनी ग्लोबल जेंडर गैप रिपोर्ट 2025 का 19वां संस्करण जारी किया है, जो UPSC और अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए एक महत्वपूर्ण वैश्विक सूचकांक है। यह रिपोर्ट 148 देशों में आर्थिक, शैक्षिक, स्वास्थ्य और राजनीतिक क्षेत्रों में लैंगिक समानता की प्रगति को मापती है।
ग्लोबल जेंडर गैप इंडेक्स क्या है?
जारी करता है: वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम (WEF) हर साल 2006 से
मापदंड: चार मुख्य क्षेत्रों में लैंगिक समानता:
आर्थिक भागीदारी और अवसर
शैक्षिक उपलब्धि
स्वास्थ्य और अस्तित्व
राजनीतिक सशक्तिकरण
स्कोरिंग: इंडेक्स 0 (पूर्ण असमानता) से 1 (पूर्ण समानता) तक होता है। "जेंडर गैप" पूर्ण समानता से दूरी को दर्शाता है।
वैश्विक मुख्य बिंदु: 2025 रिपोर्ट
वैश्विक लैंगिक अंतर कम हुआ: 68.8% (2024 में 68.4% से बढ़कर), कोविड-19 महामारी के बाद सबसे तेज प्रगति।
पूर्ण समानता हासिल करने में समय: मौजूदा गति से 123 साल लगेंगे।
शीर्ष प्रदर्शनकर्ता:
रैंक | देश | स्कोर (0-1) |
---|---|---|
1 | आइसलैंड | 0.926 |
2 | फिनलैंड | 0.879 |
3 | नॉर्वे | 0.863 |
4 | यूनाइटेड किंगडम | 0.838 |
5 | न्यूजीलैंड | 0.827 |
आइसलैंड लगातार 16वें वर्ष शीर्ष पर, 90% से अधिक समानता प्राप्त करने वाला एकमात्र देश।
दक्षिण एशिया: बांग्लादेश ने 75 स्थानों की छलांग लगाकर वैश्विक स्तर पर 24वां स्थान प्राप्त किया, क्षेत्र में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शनकर्ता। पाकिस्तान 148वें स्थान पर सबसे नीचे।
भारत का प्रदर्शन: मुख्य डेटा और रुझान
भारत की रैंक: 148 देशों में 131वां (2024 में 129वां)
कुल समानता स्कोर: 0.644 (64.1% समानता, +0.3 अंक की वृद्धि)
दक्षिण एशिया में तुलना: भारत क्षेत्र में सबसे कम रैंक वाले देशों में, भूटान (119), नेपाल (125), श्रीलंका (130), बांग्लादेश (24) से पीछे।
भारत के उप-सूचकांक स्कोर (2025 बनाम 2024)
क्षेत्र | स्कोर 2025 | रैंक 2025 | स्कोर 2024 | रैंक 2024 |
---|---|---|---|---|
आर्थिक भागीदारी और अवसर | 0.407 | 144 | 0.398 | 142 |
शैक्षिक उपलब्धि | 0.971 | 110 | 0.964 | 112 |
स्वास्थ्य और अस्तित्व | 0.954 | 143 | 0.951 | 142 |
राजनीतिक सशक्तिकरण | 0.245 | 69 | 0.251 | 65 |
मुख्य बिंदु:
आर्थिक भागीदारी: +0.9 प्रतिशत अंक की सुधार के साथ 40.7% पर पहुँचा। अनुमानित आय में समानता 28.6% से बढ़कर 29.9% हुई।
शैक्षिक उपलब्धि: 97.1% का उच्च स्कोर, महिला साक्षरता और उच्च शिक्षा नामांकन में वृद्धि।
स्वास्थ्य और अस्तित्व: 95.4% तक सुधार, लिंगानुपात और स्वस्थ जीवन प्रत्याशा में सुधार। हालांकि, दोनों लिंगों की कुल जीवन प्रत्याशा घटी।
राजनीतिक सशक्तिकरण: 0.6 अंक की गिरावट। संसद में महिला प्रतिनिधित्व 14.7% से घटकर 13.8% और मंत्री पदों में महिलाएं 6.5% से घटकर 5.6%।
वैश्विक और क्षेत्रीय रुझान
उच्च आय वाले देश: 74.3% लैंगिक अंतर कम कर चुके हैं, लेकिन कुछ निम्न आय वाले देशों ने तेज प्रगति की है।
नेतृत्व में महिलाएं: वैश्विक स्तर पर महिलाएं कार्यबल का 41.2% हैं, लेकिन शीर्ष नेतृत्व में केवल 28.8%।
क्षेत्रीय एकाग्रता: महिलाएं अभी भी स्वास्थ्य और शिक्षा जैसे कम वेतन वाले क्षेत्रों में अधिक हैं।
नॉलेज नगेत से आगे: अन्य महत्वपूर्ण लैंगिक सूचकांक
जेंडर इनइक्वलिटी इंडेक्स (GII): UNDP द्वारा प्रकाशित, प्रजनन स्वास्थ्य, सशक्तिकरण और श्रम बाजार में असमानता मापता है। भारत का GII: 0.403, रैंक 102/172 (2023)।
जेंडर डेवलपमेंट इंडेक्स (GDI): स्वास्थ्य, शिक्षा और आय में लैंगिक अंतर मापता है। भारत का GDI: 0.874 (महिला HDI: 0.631; पुरुष HDI: 0.722, 2023)।
ग्लोबल जेंडर पैरिटी इंडेक्स (GGPI): UNDP और UN Women द्वारा विकसित, स्वास्थ्य, शिक्षा, श्रम समावेशन और निर्णय-निर्माण में समानता मापता है।
वीमेन एम्पावरमेंट इंडेक्स (WEI): पांच क्षेत्रों में महिला सशक्तिकरण मापता है। भारत का WEI: 0.52 (1 के करीब स्कोर = अधिक सशक्तिकरण)।
परीक्षा के लिए मुख्य तथ्य
वैश्विक लैंगिक अंतर कम हुआ: 68.8% (2025)
भारत की रैंक: 131/148 (2025), 129/146 (2024)
भारत का समानता स्कोर: 64.1% (2025)
दक्षिण एशिया में सर्वश्रेष्ठ: बांग्लादेश (24वां स्थान)
शीर्ष 5 देश: आइसलैंड, फिनलैंड, नॉर्वे, यूके, न्यूजीलैंड
वैश्विक समानता प्राप्त करने का समय: 123 साल
महिलाओं की कार्यबल में हिस्सेदारी (वैश्विक): 41.2%; शीर्ष नेतृत्व में: 28.8%
आपकी परीक्षा की तैयारी के लिए इसका महत्व
UPSC के लिए प्रासंगिकता: ग्लोबल जेंडर गैप रिपोर्ट प्रीलिम्स (तथ्यात्मक प्रश्न) और मेन्स (GS 1: समाज, GS 2: शासन, GS 3: सामाजिक न्याय) दोनों के लिए महत्वपूर्ण है। भारत की रैंक, रुझान और नीति प्रभावों पर प्रश्न आ सकते हैं।
उत्तर में वैल्यू एडिशन: भारत के स्कोर और वैश्विक तुलना का उल्लेख आपके उत्तरों को मजबूत बनाता है।
विश्लेषणात्मक बढ़त: उप-सूचकांक रुझानों (जैसे भारत राजनीतिक सशक्तिकरण में क्यों पिछड़ रहा है) की समझ से विश्लेषणात्मक उत्तर लिख सकते हैं।
नीति संदर्भ: रिपोर्ट के निष्कर्षों को सरकारी योजनाओं, संवैधानिक प्रावधानों और अंतरराष्ट्रीय प्रतिबद्धताओं (जैसे SDGs) से जोड़ सकते हैं।
करेंट अफेयर्स एकीकरण: ऐसे सूचकांकों और नवीनतम डेटा की नियमित अपडेटिंग परीक्षा के डायनामिक सेक्शन में अंक लाने के लिए जरूरी है।
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