UN ओशन कॉन्फ्रेंस 2025 और विश्व महासागर दिवस: महासागर स्वास्थ्य के लिए वैश्विक आपातकाल
क्या है खबर में?
तीसरी संयुक्त राष्ट्र महासागर सम्मेलन (UN Ocean Conference) 9–13 जून 2025 को नीस, फ्रांस में आयोजित हो रही है, जो विश्व महासागर दिवस (8 जून) के साथ मेल खाती है।
संयुक्त राष्ट्र ने महासागरों को घेर रहे खतरों को वैश्विक आपातकाल घोषित किया है और महासागर स्वास्थ्य की रक्षा के लिए विश्व नेताओं से ठोस कदम उठाने की अपील की है।
हाल ही में कोच्चि के पास MSC ELSA-3 जहाज का डूबना, जिसमें संभावित रूप से खतरनाक माल था, समुद्री पारिस्थितिकी तंत्र की संवेदनशीलता और त्वरित कार्रवाई की आवश्यकता को उजागर करता है।
परीक्षाओं के लिए मुख्य तथ्य
महासागर पृथ्वी की सतह का 70% से अधिक भाग घेरते हैं और इसमें 97% जल भंडार है, साथ ही 94% जीवन का आधार हैं।
महासागर वार्षिक CO₂ उत्सर्जन का 23% और मानव गतिविधियों से उत्पन्न अतिरिक्त गर्मी का 90% से अधिक अवशोषित करते हैं, जिससे जलवायु संतुलन बना रहता है।
कोरल ब्लीचिंग: 2023–2025 के दौरान चौथी वैश्विक कोरल ब्लीचिंग घटना में दुनिया की 84% कोरल रीफ्स प्रभावित हुईं, जो 82 देशों में फैली हैं।
प्लास्टिक प्रदूषण, अत्यधिक दोहन और समुद्री दुर्घटनाएं जैव विविधता के लिए प्रमुख खतरे हैं।
SDG 14 (पानी के नीचे जीवन): महासागरों के संरक्षण और सतत उपयोग पर केंद्रित; वैश्विक स्तर पर प्रगति धीमी है।
भारत की समुद्री स्थिति
रणनीतिक महत्व
भारत की 11,098 किमी लंबी तटरेखा और 200 समुद्री मील तक फैला विशाल विशेष आर्थिक क्षेत्र (EEZ) है।
भारतीय महासागर व्यापार, ऊर्जा आयात और क्षेत्रीय सुरक्षा के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।
भारत की ब्लू इकोनॉमी GDP में 4% योगदान देती है; लगभग 30% जनसंख्या तटीय क्षेत्रों में निवास करती है।
वर्तमान चुनौतियां
भारतीय महासागर का तापमान वृद्धि: 1950 के बाद से यह किसी भी अन्य महासागर की तुलना में तेजी से गर्म हुआ है, जिससे पश्चिमी भारतीय महासागर में फाइटोप्लांकटन में 20% की गिरावट आई है।
समुद्र स्तर में वृद्धि: मुंबई, चेन्नई और कोलकाता जैसे शहरों के लिए बाढ़ और बुनियादी ढांचे के जोखिम बढ़ रहे हैं।
मछली पकड़ने में गिरावट: केरल में ऑयल सार्डिन की पकड़ 2021 में 75% तक घट गई।
भू-राजनीतिक तनाव: चीन की 'स्ट्रिंग ऑफ पर्ल्स' नीति क्षेत्र में भारत की स्थिति को चुनौती देती है।
नीति पहलें
SAGAR (क्षेत्र में सभी के लिए सुरक्षा और विकास) और Maritime India Vision 2030 समुद्री सुरक्षा और सतत विकास पर केंद्रित हैं।
राष्ट्रीय तटीय मिशन: तटीय क्षेत्रों में जलवायु खतरों से निपटने और समुद्री संसाधनों के सतत उपयोग को बढ़ावा देने के लिए प्रस्तावित।
ब्लू इकोनॉमी नीति: अंतिम चरण में, इसका उद्देश्य समुद्री संसाधनों का इष्टतम और सतत उपयोग करना है।
UN ओशन कॉन्फ्रेंस 2025: फोकस और परिणाम
थीम: “महासागर के संरक्षण और सतत उपयोग के लिए सभी पक्षों की त्वरित कार्रवाई और भागीदारी”
नाइस ओशन एक्शन प्लान और SDG 14 के क्रियान्वयन के लिए राजनीतिक घोषणा को अपनाने की संभावना।
प्राथमिकताएं:
बहुपक्षीय महासागर समझौतों को अंतिम रूप देना (जैसे, हाई सीज़ संधि)।
ब्लू इकोनॉमी और SDG 14 के लिए वित्त जुटाना।
समुद्री विज्ञान और नीति के बीच समन्वय को मजबूत करना।
आपकी परीक्षा तैयारी के लिए क्यों महत्वपूर्ण है?
UPSC प्रीलिम्स और मेन्स: महासागर स्वास्थ्य, SDG 14 और भारत की समुद्री रणनीति पर्यावरण, भूगोल और अंतरराष्ट्रीय संबंधों में महत्वपूर्ण हैं।
निबंध और नैतिकता: सतत विकास, जलवायु परिवर्तन और वैश्विक सहयोग पर प्रश्नों में महासागर संरक्षण का उल्लेख आता है।
करेंट अफेयर्स लिंक: 2025 UN ओशन कॉन्फ्रेंस, विश्व महासागर दिवस और हालिया समुद्री घटनाएं (जैसे MSC ELSA-3) संभावित प्रश्न हैं।
डेटा और उदाहरण: आँकड़े (महासागर क्षेत्र, कोरल ब्लीचिंग, ब्लू इकोनॉमी) और भारत-विशिष्ट पहलें (SAGAR, राष्ट्रीय तटीय मिशन) उत्तरों में मूल्यवर्धन के लिए उपयोग करें।
भू-राजनीतिक विश्लेषण: इंडो-पैसिफिक और हिंद महासागर क्षेत्र में भारत की चुनौतियों की समझ GS पेपर 2 और 3 के लिए आवश्यक है।
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