IMF Explained: कैसे इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड वैश्विक अर्थव्यवस्था को आकार देता है – डेली जीके अपडेट (16 मई 2025)

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IMF: इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड कैसे दुनिया की अर्थव्यवस्था को संभालता है | Atharva Examwise करेंट न्यूज़

IMF in Current Affairs (16 मई 2025): पाकिस्तान को 1 अरब डॉलर की सहायता

हाल ही में भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव के दौरान, इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड (IMF) ने पाकिस्तान को 1 अरब डॉलर (लगभग 8,300 करोड़ रुपये) का लोन देने की घोषणा की। यह राशि जलवायु संबंधी चुनौतियों और आर्थिक स्थिरता को बनाए रखने के लिए दी गई, जिससे IMF की वैश्विक भूमिका एक बार फिर चर्चा में आ गई है।

IMF क्या है? – परिचय

IMF (इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड) एक अंतरराष्ट्रीय संगठन है, जिसकी स्थापना 1944 में ब्रेटन वुड्स सम्मेलन में हुई थी। इसका उद्देश्य वैश्विक आर्थिक स्थिरता, मौद्रिक सहयोग, अंतरराष्ट्रीय व्यापार को बढ़ावा देना और गरीबी को कम करना है। आज IMF के 191 सदस्य देश हैं, और इसका मुख्यालय वाशिंगटन डी.सी. में स्थित है।

IMF के मुख्य कार्य

1. आर्थिक संकट में कर्ज देना

IMF सदस्य देशों को आर्थिक संकट के समय कर्ज देता है, जिससे वे अपने भुगतान संतुलन (Balance of Payments) की समस्या को हल कर सकें।

2. आर्थिक निगरानी और सलाह

IMF सदस्य देशों की आर्थिक नीतियों की निगरानी करता है और सुधार के लिए सलाह देता है, ताकि वैश्विक आर्थिक स्थिरता बनी रहे।

3. तकनीकी सहायता और क्षमता निर्माण

IMF सरकारों को टैक्सेशन, बजट प्रबंधन, मुद्रा नीति आदि में तकनीकी सहायता और प्रशिक्षण भी देता है।

IMF का संगठनात्मक ढांचा

बोर्ड ऑफ गवर्नर्स: यह उच्चतम निर्णय लेने वाली संस्था है, जिसमें सदस्य देशों के वित्त मंत्री या केंद्रीय बैंक गवर्नर होते हैं।

एग्जीक्यूटिव बोर्ड: 24 सदस्यीय बोर्ड, जो रोजमर्रा के फैसले लेता है।

मैनेजिंग डायरेक्टर: IMF का प्रमुख, जो एग्जीक्यूटिव बोर्ड की अध्यक्षता करता है।

IMF कैसे देता है कर्ज? – तीन मुख्य तरीके

1. नई उधारी व्यवस्था (New Arrangements to Borrow – NAB)

वैश्विक संकट के समय IMF अमीर देशों (जैसे अमेरिका, जापान, जर्मनी) से उधार लेकर जरूरतमंद देशों को कर्ज देता है।

2. द्विपक्षीय उधारी समझौते (Bilateral Borrowing Agreements)

अगर NAB से पर्याप्त धन नहीं मिलता, तो IMF कुछ देशों से सीधे-सीधे कर्ज लेता है, जिससे उसकी फंडिंग क्षमता बढ़ती है।

3. विशेष आहरण अधिकार (Special Drawing Rights – SDR)

SDR IMF द्वारा बनाई गई एक अंतरराष्ट्रीय रिजर्व संपत्ति है, जिससे सदस्य देश अपने विदेशी मुद्रा भंडार को मजबूत कर सकते हैं।

IMF में वोटिंग और सदस्यता

IMF में 191 सदस्य देश हैं।

हर देश को एक वोट मिलता है, लेकिन वोट की वैल्यू "कोटा" (Quota) पर निर्भर करती है। कोटा देश की आर्थिक ताकत, GDP, और व्यापार पर आधारित होता है।

अमेरिका का कोटा सबसे बड़ा (16.5%) है, जिससे उसकी वोटिंग पावर सबसे ज्यादा है। भारत का कोटा 2.75% है।

IMF के फैसले वोटिंग के आधार पर होते हैं, लेकिन आमतौर पर "सर्वसम्मति" से निर्णय लिए जाते हैं।

हालिया घटनाक्रम: IMF, भारत और पाकिस्तान

हाल ही में IMF ने पाकिस्तान को 1 अरब डॉलर की सहायता दी, जिसका भारत ने विरोध किया।

IMF के नियमों के अनुसार, सदस्य देश किसी प्रस्ताव के खिलाफ वोट नहीं कर सकते; वे केवल समर्थन या अनुपस्थित रह सकते हैं।

अमेरिका और अन्य बड़े देशों का IMF में प्रभाव काफी अधिक है, जिससे निर्णयों में उनकी भूमिका अहम रहती है।

मुख्य बिंदु: डेली जीके अपडेट

IMF की स्थापना 1944 में वैश्विक आर्थिक स्थिरता के लिए हुई थी।

IMF सदस्य देशों को आर्थिक संकट में कर्ज, सलाह और तकनीकी सहायता देता है।

IMF में वोटिंग पावर देश के कोटा पर निर्भर करती है।

हाल ही में पाकिस्तान को जलवायु संकट से निपटने के लिए IMF ने 1 अरब डॉलर का लोन दिया।

भारत का IMF में कोटा 2.75% है, जबकि अमेरिका का सबसे ज्यादा 16.5% है।

IMF के फैसलों में बड़े देशों का प्रभाव अधिक रहता है।

परीक्षाओं के लिए क्यों महत्वपूर्ण है?

IMF से जुड़े प्रश्न UPSC, बैंकिंग, SSC और अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं में अक्सर पूछे जाते हैं। IMF की भूमिका, कार्यप्रणाली, वोटिंग सिस्टम और हालिया घटनाएं (जैसे पाकिस्तान को लोन) आपकी करेंट अफेयर्स और डेली जीके अपडेट की तैयारी के लिए बेहद जरूरी हैं। Atharva Examwise के साथ जुड़े रहें, ताकि आप हर जरूरी प्रतियोगी परीक्षा समाचार से अपडेट रहें।

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