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जानिए ट्रेड वॉर क्या होता है, अमेरिका-चीन व्यापार युद्ध का इतिहास, इसके फायदे-नुकसान और क्यों यह UPSC, SSC, बैंकिंग परीक्षाओं के लिए जरूरी है।

ट्रेड वॉर क्या होता है?

ट्रेड वॉर (व्यापार युद्ध) दो देशों के बीच एक आर्थिक संघर्ष होता है, जिसमें एक देश दूसरे के अनुचित व्यापार व्यवहार के खिलाफ टैरिफ (आयात शुल्क) या अन्य प्रतिबंध लगाता है। जब दूसरा देश पलटवार करता है, तब स्थिति और गंभीर हो जाती है।

🔍 उदाहरण:

2024 में अमेरिका ने चीन के इलेक्ट्रिक वाहनों पर 100% टैक्स लगाया, जिससे वैश्विक व्यापार युद्ध की आशंका बढ़ गई।

ट्रेड वॉर और प्रोटेक्शनिज़्म (Protectionism) का संबंध

प्रोटेक्शनिज़्म का मतलब है – घरेलू उद्योगों की रक्षा के लिए विदेशी व्यापार पर रोक लगाना। ट्रेड वॉर इसी सोच का विस्तार है।

मुख्य कारण:

घरेलू नौकरियों की सुरक्षा

व्यापार घाटा (Trade Deficit) कम करना

विदेशी सामान पर निर्भरता कम करना

ट्रेड वॉर बनाम अन्य व्यापार नियंत्रण उपाय

प्रकारविवरण
टैरिफआयात पर टैक्स – ट्रेड वॉर का मुख्य हथियार
प्रतिबंध (Sanctions)राजनीतिक या मानवीय कारणों से लगाए जाते हैं
आयात कोटा (Import Quota)सीमित मात्रा में ही आयात की अनुमति
सब्सिडीघरेलू उद्योगों को प्रोत्साहन देकर आयात पर निर्भरता घटाना

व्यापार युद्ध का इतिहास

📜 17वीं–19वीं सदी:

यूरोपीय देशों के बीच उपनिवेश व्यापार अधिकारों के लिए संघर्ष

ओपियम युद्ध (Opium War) – ब्रिटेन और चीन के बीच

🏛️ स्मूट-हॉली टैरिफ एक्ट (1930, अमेरिका):

टैरिफ 40% तक बढ़ा

वैश्विक व्यापार ठप, महामंदी (Great Depression) और गहरी

🇺🇸 अमेरिका-चीन ट्रेड वॉर (2018–2025):

2018: ट्रंप प्रशासन ने टैरिफ लगाए – स्टील, सोलर पैनल, इलेक्ट्रॉनिक्स

2019: चीन ने भी पलटवार किया – कृषि उत्पादों पर शुल्क

2020: आंशिक समझौता

2024: बाइडेन प्रशासन ने टैरिफ और बढ़ाए

ट्रेड वॉर के फायदे और नुकसान

✅ फायदे:

घरेलू उद्योगों की सुरक्षा

स्थानीय रोजगार में वृद्धि

व्यापार घाटे में सुधार

अनुचित व्यापार नीति पर दबाव बनाना

❌ नुकसान:

महंगाई बढ़ती है (उच्च कीमतें)

वस्तुओं की कमी और विकल्प कम

वैश्विक व्यापार धीमा

कूटनीतिक रिश्तों में तनाव

अमेरिका-चीन ट्रेड वॉर: एक केस स्टडी

🔹 2018:

अमेरिका ने $34 बिलियन के चीनी उत्पादों पर टैरिफ लगाया

चीन ने सोयाबीन, पोर्क जैसे उत्पादों पर शुल्क बढ़ाया

🔹 2019:

अमेरिका ने $200 बिलियन मूल्य के उत्पादों पर शुल्क 25% कर दिया

चीन ने सभी सरकारी कृषि उत्पादों के आयात को रोका

🔹 2020:

आंशिक समझौता हुआ, लेकिन व्यापार युद्ध थमा नहीं

🔹 2024:

EV पर 100% टैरिफ, सोलर सेल्स और सेमीकंडक्टर्स पर 50%

चीन ने फिर से पलटवार की चेतावनी दी

परीक्षा के लिए जरूरी तथ्य (Key Takeaways)

✅ ट्रेड वॉर = एक देश द्वारा दूसरे पर टैरिफ युद्ध

✅ अमेरिका-चीन व्यापार युद्ध 2018 से शुरू, 2025 में जारी

✅ टैरिफ = आयात टैक्स → उपभोक्ता कीमतें बढ़ती हैं

✅ स्मूट-हॉली एक्ट ने वैश्विक मंदी को बढ़ाया

✅ 2024 में EV, बैटरी, सेमीकंडक्टर्स पर भारी टैरिफ

IMF रिपोर्ट: अमेरिकी उपभोक्ता ही इनका भार उठाते हैं

यह टॉपिक परीक्षाओं के लिए क्यों महत्वपूर्ण है?

यह विषय UPSC, SSC, बैंकिंग और अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं में पूछा जा सकता है:

🔹 GS Paper 3 (UPSC) – अंतर्राष्ट्रीय व्यापार, आर्थिक नीतियाँ
🔹 General Awareness (SSC/Banking) – वैश्विक घटनाक्रम
🔹 Essay/Interview Topics – ग्लोबलाइज़ेशन बनाम प्रोटेक्शनिज़्म

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