परिचय भारत में 2024-25 चीनी विपणन सत्र (अक्टूबर 2024 - सितंबर 2025) के दौरान चीनी उत्पादन स्थिर बना हुआ है, जिससे घरेलू बाजार में किसी भी कमी की आशंका समाप्त हो गई है। इंडियन शुगर एंड बायो एनर्जी मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन (ISMA) के अनुसार, देश में लगभग 280 लाख टन चीनी उपलब्ध है, जिससे मांग की पूर्ति संभव होगी।
वर्तमान चीनी खपत के आंकड़े
अक्टूबर 2024 से जनवरी 2025 के बीच भारत की घरेलू चीनी खपत 91.6 लाख टन रही, जबकि घरेलू बिक्री कोटा 92 लाख टन था।
औसत मासिक खपत 22.8 लाख टन है, लेकिन गर्मी और त्योहारों के दौरान यह बढ़कर 23.5 लाख टन प्रति माह हो सकती है।
चीनी मिलें अभी भी सक्रिय रूप से काम कर रही हैं, जिससे आपूर्ति श्रृंखला बाधित नहीं होगी।
राज्यवार चीनी उत्पादन का परिदृश्य
1. उत्तर प्रदेश
38% चीनी मिलें अभी भी संचालन में हैं, और क्रशिंग प्रक्रिया अप्रैल 2025 तक जारी रहेगी।
इस बढ़ी हुई क्रशिंग अवधि से आगामी महीनों में चीनी आपूर्ति सुनिश्चित होगी।
2. महाराष्ट्र और कर्नाटक
अनुकूल मौसम परिस्थितियों के कारण गन्ने की खेती में वृद्धि हुई है।
इन राज्यों में अधिक उत्पादन से 2025-26 चीनी विपणन सत्र के लिए समय पर पेराई शुरू होने की उम्मीद है।
घरेलू बाजार और चीनी कीमतों पर प्रभाव
पर्याप्त चीनी भंडार से कीमतों में स्थिरता बनी रहेगी, जिससे उपभोक्ताओं को राहत मिलेगी।
प्रमुख राज्यों में बढ़ता उत्पादन चीनी आयात पर निर्भरता कम करेगा, जिससे घरेलू अर्थव्यवस्था को लाभ मिलेगा।
भविष्य की संभावनाएं: चीनी उद्योग का विकास
1. इथेनॉल उत्पादन को बढ़ावा
चीनी उद्योग इथेनॉल उत्पादन में भी योगदान देगा, जिससे भारत के बायो-एनर्जी सेक्टर को मजबूती मिलेगी।
सरकार की पेट्रोल के साथ इथेनॉल मिश्रण नीति से चीनी उद्योग को आर्थिक लाभ होगा।
2. बेहतर गन्ना उपज और खेती
2025 में अनुकूल मानसून और बढ़ी हुई गन्ना खेती के कारण अगले चीनी सत्र की मजबूत शुरुआत होने की संभावना है।
3. सरकारी नीतियां और सब्सिडी
चीनी मिलों के लिए सरकारी सहायता और गन्ने के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) चीनी उत्पादन स्थिरता को बढ़ावा देंगे।
निष्कर्ष
पर्याप्त चीनी भंडार, प्रमुख राज्यों में स्थिर उत्पादन, और इथेनॉल और बायो-एनर्जी क्षेत्र में सरकार का समर्थन भारत के चीनी उद्योग को मजबूत बनाए हुए हैं। गर्मी और त्योहारों के दौरान भी उपभोक्ताओं को चीनी की कोई कमी नहीं होगी।
"भारत में 2024-25 चीनी उत्पादन स्थिर बना हुआ है, जिससे 280 लाख टन चीनी घरेलू खपत के लिए उपलब्ध है। जानिए चीनी उत्पादन के वर्तमान रुझान, बाजार पर प्रभाव और भविष्य की संभावनाएं।"
बाहरी लिंकिंग:
इंडियन शुगर एंड बायो एनर्जी मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन
उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय
पर्याप्त उत्पादन और बढ़ती इथेनॉल संभावनाओं के साथ, भारत का चीनी उद्योग आने वाले वर्षों में निरंतर विकास के लिए तैयार है।
By Team Atharva Examwise #atharvaexamwise